“Waqf board has become the biggest land mafia in the country? Illegal collection?. उप”
हिंदुओं के प्रत्येक घर दुकान या फैक्ट्री का मालिक भी वक्फ बोर्ड है ? आपको विश्वास नहीं होता तो ये आपके लिए ही है।
ये हो रहा है
सनातन 🚩समाचार🌎 बात चौंकाने वाली है पर सच है क्योंकि वक्फ बोर्ड के पास सभी अधिकार सुरक्षित हैं। हिंदू द्रोहियों द्वारा बनाए गए कानून के अनुसार हिंदुस्थान के वक्फ बोर्ड में सभी 7 सदस्य मुस्लिम होंगे। जबकि हिन्दू मंदिर का ट्रस्ट सरकारी होगा उसके सदस्य भी गैर हिन्दू हो सकते हैं। वक्फ बोर्ड की संपत्ति मुस्लिम समाज की होगी और मुस्लिम समाज वो संपत्ति जैसे चाहे खर्च करेगा लेकिन हिन्दू मंदिरों की संपत्ति सरकार की होगी और हिन्दू मंदिरों का पैसा हिन्दू मंदिरों पर, हिन्दू समाज पर खर्च हो अथवा ईसाई या मुस्लिम समाज पर ? ये निर्णय सरकार/सरकारी बाबुओं की मर्जी का होगा।
वक्फ बोर्ड की संपत्ति
बतादें की वक्फ बोर्ड ने इतनी जमीन कब्जा कर ली है कि वो खुद को छोटा देश घोषित कर सकता है। भारत की सेना के पास करीब 18 लाख एकड़ जमीन है रेलवे के पास करीब 12 लाख एकड़ जमीन है। और उधर देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। मतलब जमीन के मामले में वक्फ बोर्ड सेना और रेलवे के बाद तीसरे नंबर पर है। और आरोप लग रहे हैं की यहां से जो पैसा आता है वो भारत में धर्मांतरण और लव जिहाद के लिए इस्तेमाल होता है।
आस पास की जमीन भी उसीकी
वर्ष 2009 में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां 4 लाख एकड़ जमीन पर फैली थी और 13 सालों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति दोगुनी होकर 8 लाख एकड़ हो गई है। दरअसल वक्फ बोर्ड जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। इसके साथ ही देश में अवैध मजारों, नई-नई मस्जिदों की बाढ़ आई हुई है। बताने की आवश्यकता नहीं है की इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा अपने आप हो जाता है।
पूर्वजों की जमीन के कागज
नरसिम्हा राव के जमाने में बना 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो जमीन के कागज वक्फ बोर्ड को नहीं दिखाने हैं बल्कि ज़मीन का कागज उसे दिखाना है जिसकी जमीन वक्फ बोर्ड छीन रहा है, और पूर्वजों की जमीन के कागज अक्सर कई परिवारों के पास नहीं होते हैं। इसका फायदा वक्फ बोर्ड उठाता है। बड़ी बात है कि अगर आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति बता दी गई तो आप उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते। आपको वक्फ बोर्ड से ही गुहार लगानी होगी।
वक्फ बोर्ड को मजबूत बनाया गया
वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आया, तब भी आप कोर्ट नहीं जा सकते। तब आप वक्फ ट्राइब्यूनल में जा सकते हैं जिसमें सारे सदस्य मुस्लिम ही होते हैं। वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि ट्राइब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है । लेकिन इस कानून के खिलाफ अब वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अर्जी लगाई है। मोदी सरकार के दौरान भी वक्फ बोर्ड को मजबूत बना दिया गया है। सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नियम बनाया कि अगर वक्फ की जमीन पर स्कूल, अस्पताल आदि बनते हैं तो पूरा खर्च सरकार का होगा । ये तब हुआ जब मुख्तार अब्बास नकवी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे। एक तरफ सरकार मंदिरों के पैसे लेती है तो दूसरी तरफ वक्फ को अनुदान देती है।
1947 में भारत के दो टुकड़े हो गए लेकिन बचे हुए भारत के इस्लामीकरण की प्रक्रिया नेहरू की मिलीभगत से दोबारा शुरू हो गई । 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते के मुताबिक भारत छोड़कर पाकिस्तान गए मुसलमानों की ज़मीन को वक्फ़ की संपत्ति घोषित कर दिया गया। उधर पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं की ज़मीन पर पाकिस्तानी मुसलमानों ने कब्जा कर लिया।
अल्ला की संपत्ति
दुनिया के किसी इस्लामी देश में वक्फ बोर्ड नाम की कोई संस्था नहीं है। ये केवल तथाकथित सेकुलर हिंदुस्थान में ही है, जिसके संविधान के धर्मनिर्पेक्ष होने का दावा किया जाता है। वक्फ का मतलब होता है अल्लाह की संपत्ति और जो लोग वक्फ के सदस्य होते हैं उनको अल्लाह का खजांची कहा जाता है। इस तरह जमीनों पर कब्जे की नींव मजहबी आस्था के नाम पर रखी गई है।