श्री राम जय राम जय जय राम – श्री राम जय राम जय जय राम।। सभी अमर बलिदानियों सहित कोठारी बन्धुओं के सदैव ऋणी रहेंगे हिन्दू।

हिंदुओं के अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक हैं दो सगे भाई कोठारी बंधु यह वह नाम है जिनके बिना श्री राम मंदिर की चर्चा अधूरी लगती है निसंदेह श्री राम मंदिर के लिए हुए संघर्ष में असंख्य धर्म योद्धाओं ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए अगर यह महान धर्म योद्धा अपने प्राणों की आहुति ना देते तो आज हम रामलला जी का बन रहा भव्य मंदिर भी देख ना पाते आज ही के दिन असंख्य महान कारसेवकों सहित दो सगे भाइयों कोठारी बंधुओं को जालिमों ने गोलियों से भून दिया था।

हम तुम्हारी शादी में पहुॅंच जाएँगे।

दिसम्बर 1990 के पहले हफ्ते में एक दिन जब डाकिया आज के कोलकाता और तब के कलकत्ता के खेलत घोष लेन स्थित एक घर में पोस्टकार्ड लेकर पहुंचा तो घर मे मातम छा गया। बलिदानियों की चहेती बहन बकौल पूर्णिमा कोठारी इस चिट्ठी को देख कर बिलख पड़ी। उस चिठी में मॉं और बाबा का ध्यान रखने को लिखा था। साथ ही लिखा था कि चिंता मत करना हम तुम्हारी शादी में पहुॅंच जाएँगे। यह पत्र था पूर्णिमा के भाई शरद कोठारी का जो अपने बड़े भाई रामकुमार के साथ अयोध्या में 2 नवंबर को ही बलिदान हो चुके थे। शायद ये चिट्ठी बलिदान से कुछ घंटों पहले ही लिखी गई थी।

पिता हीरालाल जी

22 वर्ष के रामकुमार और 20 साल के शरद कोलकाता में अपने घर के करीब बड़ा बाजार में रहते थे। ये दोनों भाई RSS के कार्यकर्ता थे। कई अन्य स्वयंसेवकों की तरह ही राम कुमार और शरद ने भी श्री राम मंदिर हेतु कार सेवा में शामिल होने का निर्णय लिया था। 20 अक्तूबर 1990 को उन्होंने अयोध्या जाने के बारे में पिता हीरालाल जी कोठारी को बताया। बतादें की उसी साल दिसंबर के दूसरे हफ्ते में उनकी बहन पूर्णिमा की शादी होनी तय थी। तब उनके पिता जी ने कहा की तुम दोनों में से कोई एक भाई तो घर पर रुके ताकि उनकी बहन की शादी के इंतजाम सही से हो सकें। परन्तु दोनों भाई भगवान श्री राम जी कार्य के प्रति संकल्प ले चुके थे, और वो राम भक्त कारसेवा हेतु जाने को दृढ़ रहे।

युद्ध में अयोध्या

आखिर में एक शर्त पर पिता राजी हुए की वो हर रोज अयोध्या जी से उतर लिखते रहेंगे। प्राप्त विवरणों के अनुसार राम और शरद ने 22 अक्टूबर की रात कोलकाता से ट्रेन पकड़ी। इस बारे में हेमंत शर्मा ‘युद्ध में अयोध्या’ में लिखते हैं की – बनारस आकर दोनों भाई रुक गए। सरकार ने सभी गाड़ियॉं रद्द कर दी थीं जिस कारण वे टैक्सी से आजमगढ़ के फूलपुर कस्बे तक आए। यहॉं से सड़क मार्ग भी पूरी बंद कर दिया गया था। 25 तारीख से लगभग 200 किलोमीटर पैदल चल वे वीर 30 अक्टूबर की सुबह 4 बजे अयोध्या जी पहुॅंच गए।

30 अक्टूबर को बाबरी ढांचे पे पहुॅंचने वाले शरद पहले आदमी थे। और उन्होंने बाबरी ढांचे के गुंबद पर चढ़कर शौर्य पताका फहरा दी। तब इन दोनों भाइयों को सीआरपीएफ के जवानों ने लाठियों से पीटकर खदेड़ दिया। उन दोनों वीरों शरद और रामकुमार की शौर्य कथाएँ अयोध्या जी मे सुनाई जा रही थीं। बतादें कु उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने घोषणा कर रखी थी “वहॉं परिंदा भी पर नहीं मार सकता।”

दरिंदे इंस्पेक्टर ने

इसके बाद आया 2 नवंबर का वह दिन जब दोनों भाई श्री विनय कटियार के नेतृत्व में दिगंबर अखाड़े की तरफ से हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ रहे थे। परन्तु जब सुरक्षा बलों ने गोलियों से हिंदुओं को मारना चालू कर दिया तो दोनों पीछे हटकर एक घर में जा छिपे। तब सीआरपीएफ के एक दरिंदे इंस्पेक्टर ने शरद जी को उस घर से खींच के बाहर निकाल कर उन्हें सड़क पर बिठाया और उस धर्मप्रेमी के सिर को गोली से उड़ा दिया। अपने छोटे भाई को मर देख जब उसका बड़ा भाई रामकुमार जब अपने भाई का शव उठाने को आया तो उस निर्दयी इंस्पेक्टर ने गोली रामकुमार को भी मार दिया। दोनों वीर सपूतों की मौके ओर ही मौत हो गयी।

https://youtu.be/rkOG9Yiop9U
हिंदुओं की हत्याओं का प्रमाण वीडियो ना चले तो ये लिंक टच करे।

इसके बाद जब उनकी उनकी सरयू किनारे अंत्येष्ठी की गई तो वहां भारी जन सैलाब उपस्थित था जो मुख्यमंत्री मुला यम को किस रहा था। आने बेटों की मौत से व्यथित हीरालाल जी अपने बेटों के शव लेने अयोध्या जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके। दोनों का शव लेने हीरालाल जी के बड़े भाई दाऊलाल फैजाबाद आए थे और उन्होंने ही दोनों का अंतिम संस्कार किया था। ये तो तय है कि भगवान श्री राम जी का भव्य मंदिर BJP जे कारण अथवा कोर्ट के निर्णय के कारण नहीं बल्कि इन कोठारी बन्धुओं सहित अनगिनत धर्मयोद्धाओं के बलिदानों के कारण ही बन रहा है।

Today, after pulling the younger one out of the house, shot him in the head, the elder came to pick up the body of the younger brother and killed him too. Salutations to you, “Kothari brothers”

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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