“This news will disturb the children. For the stone pelting given for feeding Biryani, the disclosure was like this……”
बच्चे तो हर देश और कौम का भविष्य होते हैं, उनसे ऐसा
काम लिया गया ? ?
दुखद दृश्य
सनातन🚩समाचार🌎 हालांकि हम केवल सनातन धर्म से संबंधित खबरें ही आपको बताते हैं फिर वह खबरें चाहे धर्म के विरुद्ध वाली हों या पक्ष वाली हों। परंतु यह खबर ना तो सनातन धर्म के विरुद्ध हैं और ना ही पक्ष में परंतु इस खबर का विषय ही ऐसा है कि हमें इस पर बात कर लेनी चाहिए। क्योंकि यह खबर हमारे आपके, हमारे देश के बच्चों से जुड़ी हुई है ही साथ ही ये खबर हिंदू मंदिर पे हुए हमले से भी जुड़ी हुई है।
बच्चों ने भी बहुत भारी पत्थरबाजी की
बीते दिनों उत्तर प्रदेश में जुमे की नमाज के बाद हुए दंगों के बाद एक बहुत चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है कि कानपुर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद नमाजियों ने जो तांडव मचाया था अब उस मामले में मदरसों में पढ़ रहे बच्चों के बारे में भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। ऐसे बहुत सारे वीडियो सामने आए थे जिनमें दिख रहा था कि दंगे में बच्चों ने भी बहुत भारी पत्थरबाजी की थी और साथ ही बम भी फेंके थे। अब इस बारे में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर पुलिस ने फिर से एक नए एंगल से जब जांच शुरू की तो बहुत सारे चौकानेवाले खुलासे हो रहे हैं।
हिंसा से पहले बच्चों को बिरयानी खिलाई गई
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा की जा रही जांच पड़ताल में यह बात पूरी तरह सामने आई है की पत्थरबाजी तोड़फोड़ और आगजनी करवाने के लिए मदरसों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों का दुरुपयोग किया गया था। पुलिस को मिली सीसीटीवी फुटेज से यह बात भी सामने आई है कि हिंसा से पहले बच्चों को बिरयानी खिलाई गई थी और साथ ही उन्हें उकसाने वाली तकरीरें भी दी गई थीं। अब इस खुलासे के बाद पुलिस उन सभी बच्चों के बारे में जांच-पड़ताल में लगी हुई है जो दंगे के दौरान बनी वीडियो में दिखाई दे रहे थे।
एन सी पी सी आर से मिले निर्देशों के बाद अब कानपुर पुलिस जल्दी ही बच्चों के बारे में अपनी जांच पड़ताल की रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जग जाहिर है कि कश्मीर में पत्थरबाजी करवाने के लिए आतंकवादी भी इसी तरह बच्चों का सहारा दिया करते थे। बच्चों द्वारा की गई हिंसा के मामले में जेसीबी आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि बच्चों का हिंसा में शामिल होना बहुत गंभीर बात है। एनसीपीसीआर ने इसका संज्ञान लेते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा को नए सिरे से जांच का आदेश दिया है।
मोहल्ले के लोगों से रुपए बंटवाए गए
उन्होंने आगे बताया कि अभी तक की जांच से यह पुष्टि हो गई है कि दंगों में नाबालिग बच्चों को रुपए देकर हिंसा के लिए उकसाया गया था। उन्होंने यह भी बताया की बच्चों को सीधे-सीधे पैसे नहीं दिए गए बल्कि अलग-अलग तरीकों से दिए गए। जिसमें इलाके के नेताओं और गली मोहल्ले के लोगों से रुपए बंटवाए गए और योजना बनाई गई थी जिसके अनुसार सुनिश्चित तय समय पर सैकड़ों नाबालिग बच्चे हाथ में पत्थर लेकर सड़कों पर उतर आए थे, और जमकर बम बाजी और पथराव किया गया था।