भारत में भयंकर कोहराम मचाने की साजिश रचने वाला मौलाना में भेष में घूमता था, मस्जिदों में रहता था।
दिल्ली: पुलिस को उस समय एक बड़ी सफ़लता मिली जब एक शातिर आतंकवादी को दबोच लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार मौलाना बना ये पाकिस्तानी आतंकी राजधानी दिल्ली को लहूलुहान करने की फिराक में था। यह आतंकवादी राजधानी दिल्ली में त्योहारी सीजन के दौरान आतंकवादी हमले की योजना बना रहा था। बाद में उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया जहां से अदालत ने उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध आतंकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के निवासी मोहम्मद अशरफ उर्फ अली के रूप में हुई है।
बांग्लादेश
ये संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी राजधानी दिल्ली में एक बड़े हमले की योजना पर कार्य कर रहा था। पकड़ा गया ये आतंकवादी पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर के रमेश नगर में रह रहा था। यहां ये अपनी पहचान छुपकर जाली नाम से रह रहा था। पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में उसके ठिकाने से एके-47 राइफल, हथगोला, पिस्तौल और गोला-बारूद बरामद किया गया है। राजधानी दिल्ली कि स्पेशल सेल के डीसीपी ने बतया की इस आतंकी को पाकिस्तान आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। यह बांग्लादेश के रास्ते सिलीगुड़ी सीमा के माध्यम से भेजा गया था।
हाई अलर्ट
वह दिल्ली और उसके आसपास ‘पीर मौलाना’ के वेश में भी रह रहा था। डीसीपी ने आगे बताया कि वह भारतीय पहचान का उपयोग करते हुए 10 सालों से अधिक समय से भारत में रह रहा था। प्रारंभिक जांच में स्लीपर सेल के रूप में उसकी संलिप्तता का पता चला है, जो विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में था। दिल्ली पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यूएपीए अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत इस आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। देश की राजधानी में पुलिस त्योहारी सीजन के कारण पहले से ही हाई अलर्ट पर थी।
गोला-बारूद
ये पाकिस्तानी आतंकी शास्त्री नगर निवासी अली अहमद नूरी के नाम से भारतीय नागरिक के तौर पर रह रहा था। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के आयुक्त प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि गिरफ्तारी के समय पुलिस ने कई अन्य हथियारों और गोला-बारूद के साथ एक AK 47 राइफल के अलावा 60 राउंड की दो मैगजीन, एक हथगोला और 50 राउंट कारतूस के साथ दो पिस्टल भी बरामद किए गए हैं। इस शातिर आतंकी अशरफ को आईएसआई ने बांग्लादेश के रास्ते से सिलीगुड़ी के जरिए भारत में भेजा था। यह दिल्ली, अजमेर, वैशाली, गाजियाबाद, उधम नगर, कश्मीर में भी रहता रहा है। यह अपनी पहचान छिपाने के साथ साथ हमेशा जगह भी बदलता रहता था। इस आतंकी के दिल्ली में दो ठिकाने मिले हैं।
मस्जिदों में
यह पाकिस्तान के पंजाब में नरोवाल का रहने वाला है। सन 2005 के आसपास ये पाकिस्तान से निकला था। नासिर नाम का एक पाकिस्तान का आईएसआई का एक अधिकारी है जिसने इसकी भर्ती की थी। वह सोशल मीडिया के जरिये अपने हैंडलर से संपर्क करता था. इस आतंकी ने वर्ष 2014 में पासपोर्ट बनाया था जिस पर बिहार का पता का उल्लेख है। वह अक्सर मस्जिदों में ही रहता था। उसने 10 सैलून में अब तक 5-6 ठिकाने बदले थे। डीसीपी ने ये जानकारी भी दी कि उसने कई फर्जी आईडी बनवाए हुए थे, जिनमें से एक अहमद नूरी के नाम से थी। उसने भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था। इसके अलावा इस संदिग्ध आतंकी ने थाईलैंड और सऊदी अरब की यात्रा भी की थी।
इसने दस्तावेजों के लिए गाजियाबाद के वैशाली में एक भारतीय महिला से शादी भी की थी, जिसे बाद में इसने छोड़ दिया था। वह अजमेर, दिल्ली, वैशाली और उधमनगर में रह चुका है। जबकि भारती पहचान पत्र उसने बिहार से बनवाए थे। रमेश पार्क के जिस मकान में ये रह रहा था उसके मकान मालिक के बेटे उजैब ने बताया कि वह यहां पिछले 6 महीने तक रहा था।
There was going to be a fierce furore in the holy festivals but the police already caught the devil Mohammad Ashraf