बात तो बहुत अच्छी है कि हिंदुओं के ढाबों में नमाज पढ़ने की सुविधा है।
खबर में एक वीडियो भी दी गयी है जो एक महिला बना रही हैं। इस वीडियो में एक नई बात पता चल रही है कि सेकुलर (धर्मनिरपेक्ष) हिंदुओं ने अपने ढाबों में मुसलमानों को नमाज पढ़वाने के लिए विशेष रूप से कमरे बनवा रखे हैं। इस वीडियो में एक स्त्री बता रही है कि ये देख कर खुशी हुई की एक महजब का यहां एक कमरा है लेकिन दुख इस बात का हुआ कि हिंदुओं के ढाबे पे और जाती हावी है।
ये सिर्फ एक ही जगह नहीं कहीं पे भी कोई होटल होता है कोई ढाबा होता है वहां एक एक कमरा नमाज के होता ही है। सोचने वाली बात ये है कि हिंदुओं की पूजा पाठ का कोई कमरा नहीं है इसके पड़ौस में। मैने अभी इस होटल के मालिक से भी इस बारे में प्रश्न किया तो उसके पास भी मेरी इस बात का कोई उत्तर नहीं था की क्या होना चाहिए ? मेने फिलहाल उन्हें यही परामर्श दिया की भाई साहब अगर यहां मुस्लिम धर्म का कोई कमरा है तो उसके पड़ौस में या आपको ठीक लगे कोई अच्छी जगह लगे आपके ढाबे के आसपास वहां पर एक पूजा का भी कमरा होना चाहिए। अगर मेरी राय से आप सभी सहमत हैं तो मेरी बात को आगे बढ़ाएं।
पूजा करने का कोई कमरा नहीं है। बरेली दिल्ली हाईवे पर है ये ढाबा।
महिला आगे कहा रही है कि हर ढाबे पे ही मैने यही देखा है आज मेने काफी गौर किया, वैसे तो मैं चलते फिरते चली जाती थी, पर आज थोड़ी देर यहां रुकी हूँ गौर किया तो ये चीज देख के बुरा लगा की हिंदुओं के ढाबे पे नमाज अदा करने का कमरा तो है पर पूजा करने का कोई कमरा नहीं है। क्या बात है, हिंदुओं की तो बात ही निराली है। हिन्दू तो अपने धर्म की सोचते ही नहीं हैं। अगर नहीं सोचते हो तो प्यारे अब सोच लो। और जाति के लोगों से कुछ तो अपने अंदर ले आओ ऐसा, कुछ अच्छाइयां इन्हीं सब ग्रहण कर लो।
आगे वात करते हुए महिला का कहना है कि, इनका दिन सुनिश्चित है हफ्ते में एक दिन हफ्ते में पूजा पाठ करने का। हर दिन सुनिश्चित है नमाज अदा करने का आपका कौन सा दिन सुनुष्चित है ? कौन सा किया है आपने ? करो सोचो अब भी कुछ नहीं बिगड़ा वरना …….. मेरी बात अच्छी लगी हो तो आगे तक पहुंचना। मेने तो यहां सवाल खड़ा किया है इस ढाबे पे और इनको बोल भी दिया है कि भाई साहब अगली बार आप यहाँ पे आप नमाज अदा करने जी जगह के पड़ौस में मन्दिर भी होना चाहिए जिसमें हिन्दू आकर पूजा कर सकें।
बाकी उस महिला के और विचार भी आप इस दी गयी वीडियो में सुन सकते हैं। आप उन्हें माने या ना माने ये आपकी अपनी मर्जी है। परन्तु आपसे सनातन🚩समाचार🌎 का ये प्रश्न तो है ही है की अगर मुस्लिम समाज के लोग अपनी मजहबी इबादत के लिए कहीं भी इकट्ठा हो जाते हैं तो फिर आप हिंदुओं को अपने पूजा पाठ के लिए इकट्ठा होने में क्या दिक्कत है❓
There is arrangement for offering Namaz in the Shiva Dhaba of Mama Yadav ji and…….