“The plea for justice for the Hindus who died in Kashmir was unheeded, but the Supreme Court stopped/stayed the removal of illegal encroachments by illegal infiltrators.”
हिंदुओं के त्योहारों पर मी लॉर्ड का आदेश तो हर हिंदू को मानना ही पड़ेगा।
यह एक विडंबना ही है कि जहां एक और हिंदुओं के पवित्र त्योहारों पर सुप्रीम कोर्ट झट से निर्णय दे देता है, और उधर कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार करने वाले हैवान के मामले में सुनवाई करने से टाल देता है, वहीं अब दिल्ली के जहांगीर पुरी में भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उन सभी अतिक्रमणों को हटाने के बारे में 2 हफ्ते के लिए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित कर दिया है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि यह वही जहांगीरपुरी है जहां पर हिंदुओं की पवित्र शोभायात्रा पर भयंकर आक्रमण किया गया था, गोलियां चलाई गई थी तलवारे चलाई गई थीं। पता चला है की यहां पर बहुत भारी संख्या में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं जो सभी तरह के अपराध करते हैं। इसके साथ ही इन लोगों ने सरकारी सड़क को घेर कर वहां अवैध कब्जा करके कबाड़ के गोदाम बना रखे हैं।
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इन्हीं अवैध अतिक्रमण करने वालों के द्वारा हिंदुओं की शोभायात्रा के ऊपर हमला किया गया था। इस हमले के बाद जब सारी दुनिया में इसका हो हल्ला हुआ तब जाकर दिल्ली का प्रशासन जागा और उसने जहांगीर पुरी में अवैध रूप से कब्जा किए हुए लोगों को वहां से हटा देने का निर्णय कर लिया। प्रशासन द्वारा अभी बहुत थोड़े से ही कब्जे हटाए गए थे कि सुप्रीमकोर्ट का आदेश वहां पहुंच गया और वहां पर अपराधियों के गढ़ को साफ करने वाली टीम को अपना काम रोक देना पड़ा।
प्राप्त जानकारियों के अनुसार दिल्ली के जहांगीरपुरी से अवैध कब्जे हटाने के नगर निगम की कार्रवाई पर 21 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। इसके साथ ही अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद की जाएगी। इस मामले में कोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है। बता दें कि जहांगीरपुरी मामले में अवैध कब्जे हटाने के अभियान के खिलाफ दायर याचिका पर दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा की डिमोलेशन पर पूरे देश में रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता क्योंकि अवैध निर्माण बुलडोजर से ही गिराए जाते हैं और पूरे देश में ऐसी कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अर्थात सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल जहांगीरपुरी में चल रही कार्रवाई के बारे में ही है।
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इस मामले की सुनवाई में अवैध घुसपैठियों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमणों की पैरवी करने वाले वकीलों के द्वारा यह तर्क दिया गया कि इस कार्रवाई में दिल्ली में एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। इस बारे में कॉन्ग्रेस के नेता और नामी वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण अपने आप में दिक्कत है, परंतु बड़ी दिक्कत यह है कि मुस्लिम समुदाय से इसे जोड़ दिया गया है और देश के कई हिस्सों में ऐसा हो रहा है। मुस्लिम समुदाय के घरों को तोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने अदालत से यह मांग की थी कि पूरे देश में जो बुलडोजरों से अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं अदालत उन्हें तुरंत रोकने का आदेश पारित करे, परंतु कोर्ट ने उनकी यह बात नकार दी।
कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा
इस हो रही सारी कार्रवाई के बीच अब कांग्रे सहित सारा विपक्ष इस मामले में कूद पड़ा है। हिंदुओं की शोभायात्रा पर हमला करने वालों के पक्ष में बोलते हुए कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा कि मैं आप सब से कहना चाहता हूं कि कृपया इस प्रक्रिया को धर्म के चश्मे से ना देखें यह सिर्फ गरीब के पेट पर लात मारी गई है। ये इसलिए हुआ है क्योंकि हमारे देश में बेरोजगारी महंगाई से सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब हैं। उनका ध्यान भटकाने और उन्हें धर्म के नाम पर बांटने की यह कोशिश हुई है।
विधर्मियों से मंदिर की सुरक्षा के लिए
आपको बता दें की दिल्ली के सड़कों पर अवैध कब्जा करने वालों की तरफ से यह याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद ने दाखिल की है। यहां एक बात बहुत ध्यान देने वाली यह भी है की बेशक सुप्रीम के सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अतिक्रमण हटाने को रोक दिया गया है, परंतु इसके बावजूद हिंदुओं ने अपने मंदिर के उस गेट को खुद ही तोड़ दिया है। वास्तव में यह गेट कानूनी रूप से तय सीमा के बाहर था। इस गेट को बनाए जाने के बारे में वहां उपस्थित एक श्रद्धालु ने बताया कि हमने इस इलाके में रह रहे विधर्मियों से इस से मंदिर की सुरक्षा करने के लिए यह गेट बनाया था।
और उधर जहांगीरपुरी मैं बनी एक मस्जिद के गेट को बुलडोजर के द्वारा तोड़ना पड़ा। जहांगीरपुरी इलाके में सड़क को घेरकर किया गया अतिक्रमण इस हद तक था कि 30 सीट की चौड़ी सड़क केवल 10 फीट की संकरी गली बन कर रह गई थी। बहरहाल अभी तो सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 2 हफ्ते के लिए इस सफाई अभियान को रोक दिया गया है परंतु देखने वाली बात यह होगी कि क्या आने वाले समय में इस इलाके से अपराधियों की सफाई हो भी पाएगी या नहीं ? ?