“The child’s throat was slit in the stomach of a Hindu woman. Hasan Ali robs 7 and a half lakh special schools, then donates to jihadis, Mallya robs, commits debauchery.”
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशवनी उपाध्याय ने उतारे छिलके।
प्रतीकात्मक चित्र
सनातन🚩समाचार🌎 कोई नुक्कड़ छाप नेता या राह चलता कोई साधारण व्यक्ति ऐसी बातें बोल दे तो निश्चित ही उसे पागल या दंगा फैलाने की साजिश रचने वाला बताया जाएगा। परंतु जब वही बातें कोई कानून का जानकार सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ अधिवक्ता बोल दे तो अवश्य ही उन बातों को गंभीर से लिया ही जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने बेहद सनसनीखेज बातें कहीं हैं। यह वह बातें हैं जिन्हें आज तक अनदेखा किया गया है परंतु अगर सरकार इनकी बातों पर ध्यान दें तो संभव है कि देश में बहुत बड़ा और सुखद परिवर्तन होगा।
ऐसे विशेष स्कूल भारत में भी हैं
अपने विषय को विस्तार से बताते हुए अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि पिछले दिनों एक खबर आई कि एक हिंदू महिला अस्पताल में डिलीवरी करवाने गई परंतु वहां पर मौजूद डॉक्टर और कंपाउंडर ने उस महिला के पेट में ही बच्चे का गला काट दिया। इसके बाद अश्विनी उपाध्याय अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताते हैं कि यह सब कहां सिखाया जा रहा है यह सारी दुनिया जानती है। ऐसे विशेष स्कूल भारत में भी हैं जिनमें इसी तरह की ही बातें सिखाई जाती हैं। इन स्कूलों को विदेशों से बहुत बड़ी मात्रा में फंडिंग होती है। विदेशों से ही नहीं हिंदुस्तान में जनरेट हो रहा काला धन भी इन्हें भारी मात्रा में मिल रहा है। हिंदुस्तान की कई सरकारें तो इन विशेष स्कूलों को पैसा भी दे रही हैं।
सारा पैसा सिम्मी, पीएफआई और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले संगठनों पर तथा जिहादी गतिविधियों पर खर्च होता है
भारत में हर साल 14 से 15 लाख करोड़ ब्लैक मनी जनरेट हो रही है। जबकि सभी राज्यों की सरकारों और केंद्र सरकार का कुल बजट 70 लाख करोड रुपए का है, और इस बजट का 20 परसेंट पैसा हर साल ब्लैक मनी में कन्वर्ट हो जाता है। यानी 14 हजार करोड रुपए का काला धन हर साल भारत में पैदा होता है। इस 14 हजार करोड रुपए में से आधा रुपया गलत कामों में खर्च हो जाता है और बाकी सारा पैसा सिम्मी, पीएफआई और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले संगठनों पर तथा जिहादी गतिविधियों पर खर्च होता है। हसन अली ने 20 हजार करोड से ज्यादा की टैक्स चोरी की है। अब्दुल करीम तेलगी ने 20 हजार करोड से ज्यादा रुपए का घोटाला किया है। मोइन कुरैशी ने भी 20 हजार करोड से ज्यादा रुपयों का घोटाला किया है।
अय्याशियां की, बिल्डिंग बनाई लड़कियों पर पैसा खर्च किया
इन तीनों के द्वारा किया गया घोटाला लगभग 75000 करोड रुपए हो जाता है। सवाल यह है कि इन तीन लोगों ने जो देश का पैसा लूटा था वह कहां गया ? माल्या ने लूटा उसका तो दिख रहा है की बंगले खरीदे, जहाज खरीदे अय्याशियां की, लड़कियों पर पैसा खर्च किया नीरव मोदी ने घोटाला किया वह भी दिख रहा है उसने फार्म हाउस बनाए, अय्याशियां की, बिल्डिंग बनाई लड़कियों पर पैसा खर्च किया। चौकसी ने भी बहुत बड़ा घोटाला किया उसका भी दिख रहा है उसने लंदन में बड़ा मकान बनाया, अय्याशियां की, फार्म हाउस बनाए। परंतु हसन अली, अब्दुल करीम तेलगी, मोइन कुरैशी ने जो 70,000 रोड रुपया लूटा उसका उन लोगों ने क्या किया ?
हसन अली लूटता है तो जिहादियों को दान देता है
इन्होंने अय्याशी नहीं की, इन्होंने शराब पर पैसा खर्च नहीं किया है, इन्होंने लड़कियों पर पैसा खर्च नहीं किया है, इन्होंने कुछ भी नहीं किया तो बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि आखिर इन का ₹75000 रोड रुपया गया कहां ? यह लूट का बड़ा भारी अंतर है । हसन अली लूटता है तो जिहादियों को दान देता है और माल्या लूटता है तो अयाशियां करता है। जैसे और देशों में ऐसे घोटालों पर 500, 700 सालों की सजा होती है वैसी ही सजा हिंदुस्तान में भी होनी चाहिए। अपनी सारी चर्चा में अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने हर रोज बन रही नई नई दरगाहों पर चिंता व्यक्त की, और साथ ही कहा कि जो इतनी बड़ी बड़ी चर्च और मस्जिदें बन रही हैं उनके लिए इतना धन कहां से आता है ?
कोई भी लव जिहाद अथवा धर्मांतरण की बात नहीं करता है
यह सारा धन या तो विदेशों से आता है या फिर इस देश में ही पैदा हो रहे काले धन से इनकी फंडिंग होती है। उन्होंने यह भी कहा की सभी चिंता तो करते हैं परंतु समाधान की बात कोई नहीं करता। कोई भी लव जिहाद अथवा धर्मांतरण की बात नहीं करता है। देश में बहुत बड़े-बड़े काम तो हो रहे हैं परंतु उन कामों में घूसखोरी के द्वारा कितना पैसा कालेधन में परिवर्तित हो जाता है उसे रोकने की कोई चिंता नहीं करता। आवश्यकता इस बात की है कि इस बारे में कड़े कानून बनाए जाएं। जब तक ऐसे कानून नहीं बनेंगे तब तक ना जिहाद पर काबू पाया जा सकता है ना धर्मांतरण पर काबू पाया जा सकता है।
गली गली घूम कर कबाड़ का काम करता है
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके एक परिचित की लड़की कॉलेज में जाती है। कुछ दिनों से उसके आसपास एक लड़का चक्कर काटने लगा 5- 6 लाख का मोटरसाइकिल 10000 की शर्ट और पेंट बहुत महंगा फोन लेकर के उसने लड़की के ऊपर डोरे डाले और आखिर वह लड़की उसके जाल में फंस गई।और जब पता चला कि उसका बाप तो गली गली घूम कर कबाड़ का काम करता है। तो सोचने वाली बात यह है कि आखिर उसके पास इतनी फंडिंग आई कहां से ? वह पैसा उसे कहां से मिला ? जो वह इतना महंगा मोटरसाइकिल और कपड़े खरीद रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि हर चीज की फंडिंग हो रही है और यह सब तभी रुक पाएगा जब हमारे देश में ऐसे कानून बनेंगे जो इस तरह के लोगों को हो रही फंडिंग पर लगाम लगाएं। उन्होंने और कहा कि जो लोग जेहाद की, धर्म परिवर्तन की, हिंदुत्व की बात करते हैं मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं वो लोग भी पाखंड कर रहे हैं। क्योंकि वह ये बातें तो करते हैं परंतु इस सब को रोकने के लिए कानून की मांग कोई नहीं करता है।