“The atrocities committed on the 86-year-old elderly saint, now it is their turn, they are falling ill and are running away.”
ये बड़ी खबर जो सारे मीडिया ने छिपाई ली पर हम अवश्य बताएंगे।
मीडिया का कपट
सनातन🚩समाचार🌎 दिन रात हो हल्ला किया, 24सो घंटे मीडिया ट्रायल चलाए और सारे देश में ऐसा वातावरण बना दिया कि मानो यह 86 साल का बुजुर्ग ही दुनिया भर का अपराधी है। इसी ने ही जमाने भर के अपराध किए हैं। और फिर आखिर वह निर्दोष हिंदू संत आखिर उस जगह पहुंचा दिया गया जो उनका स्थान है ही नहीं। और यह सब कुछ करने वाला है हिंदुस्तान में चल रहा हिंदू द्रोही मीडिया।
परिवार की 10 वर्षीय भतीजी भी थी
इसी मीडिया ने संत श्री आसाराम जी बापू की एक ऐसी वीडियो अपने चैनलों पर चला दी थी जो पूरी तरह से एडिट की हुई थी। जिसकी फॉरेंसिक जांच में भी यही पाया गया कि इस वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। बता दें की सन 2013 के जुलाई महीने में संत श्री आसाराम जी बापू पालम विहार क्षेत्र (गुरुग्राम) में रहने वाले एक श्रद्धालु व्यक्ति के घर गए थे। उस समय वहां पर मौजूद बहुत सारे श्रद्धालुओं सहित उस परिवार की 10 वर्षीय भतीजी भी थी। जिसे बापू जी ने आशीर्वाद दिया था और उस बच्ची के सिर पर आशीर्वाद देते हुए हाथ भी रखा था। उस समय उस व्यक्ति के घर के कार्यक्रम की परिवार के द्वारा एक वीडियो भी बनाई गई थी साथ ही कुछ अन्य लोग भी वहां पर वीडियो बना रहे थे।
बस इसी वीडियो को एडिट करके इस तरह से बना दिया गया कि मानो 86 वर्ष के बुजुर्ग संत 10 वर्ष की मासूम लड़की के साथ कोई अश्लील हरकत कर रहे हो, और इस वीडियो को बहुत जोर शोर से कई चैनलों ने यह कहते हुए चलाया था कि (वह शब्द हम लिखने में असमर्थ हैं) वीडियो को न्यूज़ चैनलों में दिखा दिखा कर आम जनमानस के दिमाग में एक हिंदू संत की बहुत गंदी छवि बैठाई गई और कदाचित अदालत ने भी इस वीडियो और अन्य बहुत सारे मीडिया ट्रेलों से प्रभावित होकर संत श्री आसाराम जी को उस अपराध की सजा सुना दी जो उन्होंने किया ही नहीं। क्योंकि न्यूज़ चैनलों ने जो जो कुछ भी दुनिया को बताया उस बात का कोई भी प्रमाण अदालत में आज तक नहीं दिया जा सका है।
उस समय के जोधपुर के उच्च पुलिस अधिकारी अजयपाल लांबा ने तो मीडिया में आकर यह स्पष्ट कह दिया था की बापू आसाराम जी के ऊपर बलात्कार का आरोप है ही नहीं। परंतु मीडिया तो दिन-रात बापूजी को बलात्कारी प्रमाणित करने में लगा हुआ था। बहरहाल इन न्यूज़ चैनलों के द्वारा तोड़ मरोड़ कर चलाई गई वीडियो के खिलाफ पीड़ित परिवार अब सन 2013 से ही अपनी नाबालिग बेटी के अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए अदालतों और थानों के चक्कर काट रहा है। इस मामले में बहुत सारी तारीखें पड़ चुकी हैं। अदालत के द्वारा एक पत्रकार दीपक चौरसिया की गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया गया था परंतु हद तो तब हो गई जब गुरुग्राम पुलिस प्रशासन ने अदालत को यह कहा कि अगर दीपक चौरसिया को गिरफ्तार किया गया तो देश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है।
👉 “किसी भी मीडिया ने ये खबर नहीं चलाई कि गत 7 मई 2022 को सैयद सोहेल समेत दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी,अजित अंजुम आदि के विरुद्ध बेलेबल वारंट के तहत न्यायालय में पेश होने के आदेश पर चित्रा त्रिपाठी समेत 3 आरोपी पेश हुए”
अब इस मामले में 6 जून को सुनवाई होनी है। इस सारे प्रकरण में पत्रकार चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम, राशिद, अभिनव राज, दीपक चौरसिया, ललित सिंह, सुनील दत्त, मोहम्मद सोहेल आदि आरोपी बनाए गए हैं। इन सभी लोगों ने 10 साल की नाबालिग लड़की की वीडियो को को छेड़छाड़ करके गलत ढंग से दुनिया को दिखाने का अपराध किया था जिस बारे में इन पर पॉक्सो धारा लगाई गई है। मजे की बात यह है कि जब अदालत द्वारा इन्हें बार-बार अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया गया तो मोहम्मद सोहेल ने अदालत में पेश होने की बजाय अपने वकील के द्वारा यह संदेशा भेजा कि उसकी तबीयत खराब है परंतु उसी दिन शाम को मोहम्मद सोहेल अपने न्यूज़ चैनल पर लाइव होकर कोई प्रोग्राम चला रहा था।
इस सारे मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर का कहना है कि जमानती वारंट होने के बावजूद सभी आरोपी अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। हरि शंकर ने यह भी बताया है कि केस की सुनवाई के बाद जब कुछ रिपोर्टरों ने चित्रा त्रिपाठी और अजीत अंजुम से केस के बारे में सवाल पूछना चाहे तो उन्होंने उत्तर देने की बजाए पत्रकारों के साथ बदसलूकी की और कोई भी उत्तर देने से मना कर दिया। बताने की आवश्यकता नहीं है की इन न्यूज़ चैनलों और इन पत्रकारों के खिलाफ अक्सर सोशल मीडिया पर लोग इनके खिलाफ अपनी प्रतिक्रियाएं देते रहते हैं, और इनकी गिरफ्तारी तथा इन पर कठोर कार्रवाई की मांग भी करते रहते हैं।
परंतु सन 2013 से लेकर 2022 तक यह लोग लगातार कानून की कमजोरियों का फायदा उठाकर लगातार बचते आ रहे हैं। इस बारे में हरि शंकर जी का कहना है कि आखिर यह लोग कब तक बचेंगे ? आखिर तो नाबालिग लड़की को न्याय मिल कर रहेगा, और यह सभी आरोपी जेल में अवश्य जाएंगे। हमें न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है।