"Police caught Abdul and Razzab with weapons from the college insisting on hijab - big conspiracy."
हिंदुओं के बहिष्कार के ऐलान के बाद अब हथियार बरामद।
सनातन🚩समाचार🌎 देश के भविष्य का आधार शिक्षण संस्थानों में जब बजाओ मजहब के नाम पर कटता दिखाई जाने लगे और प्रतिकार में प्रतिक्रिया दें धार्मिकता भी सामने आने लगे तो यह देश का है के लिए शुभ संकेत नहीं है कर्नाटक के यूपी में उडुपी गौ हत्या के विरोध के बाद शुरू हुआ मामला अब हथियारों की बरामदगी की तक जा पहुंचा हैदरअसल, उडुपी के जिस कॉलेज के अंदर हिजाब को लेकर बवाल चल रहा है, वहाँ से अब पुलिस ने दो संदिग्धों को हथियारो के साथ गिरफ्तार किया है। जिसके चलते अब ये अनुमान लगाए जा रहे हैं की अवश्य ही कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ हिजाब का मामले के तार कही ना कहीं किसी बड़े षड्यंत्र से जुड़े हुए हैं।

सोशल मीडिया के लोगों द्वारा की जा रही बातें अब सच होती लग रही हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर लोग इसी प्रकार की बातें कर रहे थे की हिजाब के नाम पर बवाल अवश्य ही कर्नाटक में बड़े दंगों को करवाने की साजिश है। पुलिस ने हथियारों सहित जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनके नाम रज्जाब और हाजी अब्दुल मजीद बताया जा रहा है। इन दोनों के पास से पुलिस ने हथियार बरामद किए हैं। इसके साथ ही पुलिस तीन अन्य संदिग्धों को भी तलाश रही है। हालाँकि इस बारे में पुलिस का कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है और ना ही अभी तक ये पता चल  पाया है ये लोग कौन हैं, कहाँ से आए हैं और इनके पीछे वो कौन लोग हैं जो कर्नाटक में हिंसा का वातावरण बनाना चाहते हैं।

दरअसल 1 अक्टूबर 2021 को हिंदू जागरण मंच के द्वारा तालुक के गंगोली में मवेशी चोरी और गोहत्या के मामले का विरोध करते हुए बड़े स्तर पर एक विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस बड़े विरोध प्रदर्शन में मछुआरे, मछली विक्रेता और महिलाओं सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। तभी से तनातनी का माहौल बना हुआ है। बता दें हिजाब पहनने के विवाद से दो महीने पहले ही उडुपी के मुसलमानो ने हिंदुओं के बहिष्कार का ऐलान कर दिया  था। इसके बाद से क्षेत्र में रहने वाले मुसलमानों ने गंगोली बाजार से मछली खरीद का बहिष्कार कर दिया था तथा योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिमो को  हिंदू मछली विक्रेताओं से मछली नहीं खरीदने के लिए उकसाया भी जा रहा था। इसके सबके पीछे हिंदुओं द्वारा गोहत्या का विरोध करना ही मुख्य कारण है।

इसी कड़ी में अब ये मजहबी उन्माद शिक्षण संस्थानों में भी पहुंच गया है। सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को हिजाब का मामला तब सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। इसी बीच एक मुस्लिम छात्रा ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दी थी जिसमे कॉलेज पर उसके साथ मजहब के आधार पर भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया था। अभी अदालत वो मामला चला ही था कि उन्माद के चलते कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब पूरे कर्नाटक में फैल गया है। 3 फरवरी की सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी 20 से अधिक छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।


कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। प्रिंसिपल के अनुसार कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। बतादें कि मुस्लिमो द्वारा हिंदुओं के बहिष्कार की घोषणा के बाद इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब की प्रतिक्रिया में 2 फरवरी को उडुपी के कुंडापुर सरकारी कॉलेज के 100 से अधिक छात्र हिंदुत्व का प्रतीक भगवा वस्त्र ओढ़ कर कॉलेज पहुँच गए थे। जो भी हो स्कूलों कालजों में ये मजहबी उन्माद देश के लिए एक भयंकर संकेत है और अब विवादित कालेज में हथियारों सहित गिरफ्तारियां किसी बड़े षड्यंत्र की ओर संकेत कर रही हैं।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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