“Journalist “Deepak Chaurasia” is about to get the fruits of his deeds, non-bailable warrant issued.”
गंभीर अपराध ? करने के बाद बचने के लिए पहले भी यही किया था और अब फिर से बचने के लिए वही पुरानी चाल।
सनातन 🚩समाचार🌎 गुरुग्राम (दीपक चौरसिया केस) केस।
देरी से प्राप्त पुष्ट विवरण के अनुसार 28.10.2022 28 अक्तूबर को गुरुग्राम की पॉक्सो कोर्ट में 8 में से 6 आरोपी – पत्रकार चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम, सैयद सोहेल, अभिनव राज, सुनील दत, रासीद अदालत में पेश हुए। लेकिन दो आरोपी दीपक चौरसिया और ललित सिंह न्यायालय में पेश नही हुए।
फिर से बीमारी का बहाना
🔷न्यायालय में दीपक चौरसिया के पेश नही होने पर पीड़ित पक्ष के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि दीपक चौरसिया जानबूझकर बहाने बना रहे हैं, क्योंकि उसका पिछली बार की तरह इस बार भी बीमारी का हवाला देकर अदालत में हाजिर ना होना यह स्पष्ट दर्शाता है की कोर्ट में पेशी से बचने के लिए उसके द्वारा यह सब किया जा रहा है। जो स्वीकार नही किया जाना चाहिए।
गिरफ्तारी वारंट
🔷पीड़ित पक्ष के वकील की दलील से सहमत होते हुए न्यायालय ने दीपक चौरसिया के वकील की सभी दलीलें अस्वीकार करके उसकी अग्रिम जमानत रद्द करते हुए अरेस्ट वारंट जारी किया है। साथ ही अग्रिम जमानत में सिक्योरिटी बॉन्ड को जब्त कर जमानतदार को भी नोटिस जारी किया गया है।
🔷अन्य आरोपी ललित सिंह के भी पेश नही होने पर दीपक चौरसिया की तरह ललित सिंह के विरुद्ध भी अरेस्ट (गिरफ्तारी) वारंट जारी कर सिक्योरिटी बॉन्ड को जब्त कर जमानत दार को भी नोटिस जारी किया गया है।
🔷आरोप पत्र को ठीक से सूचीबद्ध आदि नहीं करने को लेकर S.I.T (मामले की जांच करने वाला) अधिकारीयों व पालम विहार SHO को पहले नोटिस किया गया था।
🔷जिसपर पालम विहार थाना के SHO पेश हुए। न्यायालय में SHO के द्वारा बयान दिया गया कि बुलाए गए सभी S.I.T के अधिकारीयों को सूचित कर दिया गया है। लेकिन SHO द्वारा सूचित करने के वाबजूद भी इस बार पेश नही होने पर न्यायालय के द्वारा स्पष्टीकरण मामले के तथ्यों और अजीबोगरीब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एसीपी सुरेंद्र, इंस्पेक्टर जितेंद्र और इंस्पेक्टर संजय नाम के जांच अधिकारीयों को जमानती वारंट जारी करके अगली तारीख 21 नवंबर तय की है।
चौरसिया से अदालत नाराज
गुरुग्राम की एक विशेष POCSO अदालत ने सुनवाई से बार-बार अनुपस्थित रहने पर 21 नवंबर से पहले न्यूज नेशन के पूर्व एंकर दीपक चौरसिया को गैर-जमानती वारंट के तहत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस पत्रकार की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हालांकि चौरसिया ने खराब स्वास्थ्य के कारण छूट मांगी थी, लेकिन इसका कोई सबूत अदालत को प्रस्तुत नहीं किया गया था। इसमें कहा गया है कि आरोपी दूसरी बार “जानबूझकर अदालत के समक्ष अपनी उपस्थिति से बच रहा था”। इसलिए “आवेदक-आरोपी की जमानत रद्द की जाती है।
अरेस्ट वारंट जारी
उनका जमानत बांड और मुचलका भी रद्द किया जाता है। आरोपी दीपक चौरसिया के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। सीआरपीसी की धारा 446 के अंतर्गत उनके जमानतदार को नोटिस और उनके पहचानकर्ता को भी तय तारीख के लिए जारी किया जाए, “अदालत ने आदेश दिया। दरअसल सन 2013 में हिंदुओं के बड़े संत श्री आसारामजी बापू गुरुग्राम में रहने वाले अपने एक श्रद्धालु के घर गए थे। जहां पर उन्होंने उस परिवार सहित उस परिवार की 10 साल की छोटी बच्ची को भी आशीर्वाद दिया था।
हिंदू संत को बदनाम किया
उस मौके पर कुछ लोगों ने वीडियो बनाई थी। आरोप है की इसी वीडियो में छेड़छाड़ करते हुए आरोपियों ने बहुत अश्लील ढंग से उसे अपने न्यूज़ चैनलों में परोसा था। जिस कारण 10 साल की छोटी बच्ची के परिजन बहुत आहत हुए। उनका यह मानना था कि इन न्यूज़ चैनलों ने जानबूझकर हिंदू संत श्री आसारामजी बापू और उनके परिवार सहित उनकी छोटी बेटी की जानबूझकर सारी दुनिया में इज्जत उछाली है। जिस कारण उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत कर दी थी। बता दें कि पीड़ित परिवार को अपनी एफ आई आर दर्ज करवाने में भी बहुत कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा था।
दुनियां को एडिटेड अश्लील वीडियो दिखाई
परंतु आखिरकार विवश होकर पुलिस द्वारा संबंधित लोगों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। अपनी शिकायत में पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था की न्यूज चैनल, न्यूज 24, इंडिया न्यूज और न्यूज नेशन ने उनकी एक 10 वर्षीय बच्ची और उसके परिवार के “रूपांतरित, संपादित और अश्लील” वीडियो प्रसारित किए, और उसे हिंदू संत आसारामजी बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ा है।
सोशल मीडिया से प्राप्त
इस FIR के आधार पर News24 के पूर्व प्रबंध संपादक अजीत अंजुम, आज तक की एंकर चित्रा त्रिपाठी और न्यूज नेशन के पूर्व एंकर दीपक चौरसिया के खिलाफ एडिटेड वीडियो प्रसारित करने के लिए 2020 और 2021 में आठ अन्य लोगों के साथ चार्जशीट किया गया था।
हाईकोर्ट अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा
इस केस को हाईकोर्ट में देखने वाले अधिवक्ता “नवीन कुमार शर्मा” का कहना है की अपराधी इसी प्रकार होने वाली सजा से बचने के लिए अदालतों से गैरहाजिर हुआ करते हैं। परंतु आखिर कानून के अनुसार उन्हें उनके कर्मों का दंड तो मिलता ही है।
बता दें की इन सब में से एक आरोपी “दीपक चौरसिया” ने खासतौर पर अपने चैनल पर दिन-रात हिंदू संत के खिलाफ अपमानजनक शब्द बोलते हुए मीडिया ट्रायल चलाए थे।