“Is Hindu community an aimless army? Is Hindu Rashtra the solution now ?”
हिंदु कौम एक ऐसी ही सेना है जिसका कोई लक्ष्य नहीं, कोई मंजिल नहीं, शत्रु की पहचान नहीं, अपना कोई सेनापति नहीं !
दुश्मन को न पहचानने वाली, नेतृत्वहीन विराट सेना भी अंततः युद्ध हार जाती है …
सनातन 🚩समाचार🌎 दुर्भाग्य से हिंदुओं से ज्यादा राजनैतिक लक्ष्यहीन और दिशाहीन कौम आज अन्य कोई नहीं है, क्योंकि हिंदुओं के नेता तो बहुत हैं पर उनके मन में हिंदुओं के साम्राज्य जैसा कोई लक्ष्य नहीं, कोई महत्वाकांक्षा नहीं; इसलिए हिंदु नेताओं को सेकुलरिज्म की चादर ओढ़कर हिंदुओं के रक्त की प्यासी प्रजाति से भाईचारा निभाने में भी कोई लज्जा नहीं आती है!
सत्ता का जो तंत्र अंग्रेज स्थापित कर गए, मात्र वे उसे ढोना चाहते हैं, उसपर बैठकर उसे भोगना चाहते हैं, यही हिंदु नेताओं की महत्वाकांक्षा है! इन्हें कोई चिंता नहीं है लव जिहाद से बर्बाद होती लड़कियों की, उन्हें कोई चिंता नहीं हिंदुओं के इसाईकर्ण की।
जबकि कम्युनिस्टों, मुसलमानों और ईसाईयों का स्पष्ट राजनैतिक लक्ष्य है। कम्युनिस्ट साम्यवादी शासन वाला भारत चाहते हैं, मुसलमान शरीयत कानून वाला इस्लामिक भारत चाहते हैं और ईसाई बाइबिल वाला रोमानियाई भारत चाहते हैं, पर हिंदुओं के मन में ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है।
उनके पास चीन, अरब और रोम का मॉडल है पर हिंदुओं के पास ऐसा कोई मॉडल नहीं ।
जबकि महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी जैसी बीमारियां इसी राजनैतिक लक्ष्यहीनता के कारण हैं! जिस दिन हिंदुमन स्वराज, हिंदु साम्राज्य और अखण्ड भारत बनाने की महत्वाकांक्षा से भर जाएगा उस दिन भारत महगांई, बेरोजगारी और गरीबी जैसी बीमारियों से भी स्वतः मुक्त होने लगेगा!
हिंदुओं से राजनैतिक लक्ष्य की बात करो तो महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी से मुक्ति से आगे उनकी कोई सोच नहीं होती!
हिंदुओं की राजनीतिक दिशाहीनता का इतिहास सदियों पुराना हो चला है। जिन्ना ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ की घोषणा की परंतु हिन्दू उसके प्रति भी मूकदर्शक रहे हालांकि वो जानते थे कि दूसरा पक्ष कभी भी कार्यवाही करके हमारा कत्लेआम कर सकता है!
बर्मा, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, तिब्बत, श्रीलंका आदि को भारत से तोड़कर अलग किया जाता रहा परंतु हिंदू फिर भी मूकदर्शक बना रहा। 1947 में भारत का 31 प्रतिशत हिस्सा काटकर अलगवादियों को दे दिया जाता है, परंतु हिंदू फिर भी मूकदर्शक रहता है! ….और पाकिस्तान देने के बाद भी पाकिस्तान मांगने वालों को भारत में बसा लेता है!
1947 में रोकी गई अलगवाद की सोच वाले लोग आज फिर भारत विभाजन की मांग कर रहे हैं पर हिंदू मौन है!
भारत में लाखों एकड़ भूमि वक्फ बोर्डों के नाम कर दी जाती है परंतु हिंदू फिर भी मूकदर्शक रहता है!
हिंदू अपने अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे तीर्थ स्थलों के उत्थान का कार्य नहीं कर पाता, फिर भी हिन्दू मूकदर्शक बना रहता है!
पूरा भारत हिंदुओ के हाथों से जा रहा है परंतु हिन्दू आज तक ये निर्धारित न कर सके कि हमारा लक्ष्य क्या होना चाहिए!हिंदुओं का घर उजड़ रहा है पर हिन्दू धर्म के नाम पर मनोरंजन करने में व्यस्त हैं।
मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में जाइये और पता कीजिये, आप पायेगें कि हर साल हिंदू ही अपने मकान-दुकान ओने पोने दामों में बेचकर वहां से भाग रहे हैं!
और ये भारत के लगभग हर राज्य, हर शहर – कस्बे में हो रहा है।
भारत की डेमोग्राफी बहुत तेजी से बदल रही है तथा भारत के अंदर सैकड़ों पाकिस्तान जन्म ले चुके हैं।
👉 तो क्या हिंदुओं की समस्याओं का समाधान हिंदुराष्ट्र है❓
भारत हिंदुराष्ट्र घोषित होगा तो सनातन संस्कृति के पोषण के लिए कानून भी बन सकेंगे।
हिंदुराष्ट्र भारत में हिंदुओं की संपत्ति अन्य कोई मजहब का व्यक्ति न खरीद सके, ऐसा कानून बन सकता है।
हिंदुराष्ट्र भारत में हिंदुओं का धर्मांतरण नहीं किया जा सके ऐसा कानून बनाया जा सकता है।
हिंदुराष्ट्र भारत में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धर्म, संस्कृति और अपने पूर्वजों को कोई गाली नहीं दे सकेगा, ऐसा कानून बना सकते हैं।
हिंदू राष्ट्र भारत में समस्त नौकरियों में प्रथम वरीयता हिंदुओं को दी जायेगी।
सेकुलर भारत अपंग और असहाय है, वह अपनी संस्कृति और मूल प्रजा की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा सकता, चाहे सत्ता पर कोई भी क्यों ना बैठा हो।
अंग्रेजों द्वारा थोपे गए संविधान और शासन तंत्र को इसी प्रकार हम ढोते रहेंगे, तो एक दिन वह आएगा कि भारत के हर संसाधन पर और सत्ता पर विधर्मियोंं का शासन होगा और जब किसी विधर्मी का शासन होता है तो वो क्या करता है उस बारे में इतिहास भरा पड़ा है।
सेकुलर हिंदू नेता भारत को हिंदुराष्ट्र बनाने में हिचकते हैं, उसकी बात तक करने से डरते हैं, उस पर चर्चा परिचर्चा करने से उनके हाथों में कंपन शुरू हो जाता है! परंतु याद रखना, जिस दिन कोई विधर्मी सत्ता के शीर्ष पर होगा उस दिन सारे देश में वही होगा जो सिंध व कश्मीर में हिन्दुओं के साथ हुआ है।
अगर भारत, हिन्दू और सनातन संस्कृति का तनिक भी मोह है और इसकी रक्षा चाहते हैं तो केवल और केवल हिंदुराष्ट्र ही समाधान है। अब हर हिंदू को अपने हिंदू नेताओं को हिंदुराष्ट्र के लिए मजबूर करना होगा!
हिन्दुओं की रक्षा सुरक्षा की गारंटी कोई सरकार, कोई नेता, कोई पार्टी, कोई संगठन दे सकता… जबकि स्वराज और हिन्दुराष्ट्र अखंड भारत ही हिंदुओं की, भारत की, सनातन संस्कृति की रक्षा, सुरक्षा और पोषण की गारंटी बन सकता है…!