क्या हिन्दुस्थान में हिन्दू होना अपराध है ? (अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य बताना)
सनातन🚩समाचार🌎ने कभी यह नहीं सोचा था कि कभी इस तरह की खबरें भी लिखनी पड़ेगी परंतु अब जबकि हर रोज ऐसी ही खबरें आने लगी हैं तो अपना कर्तव्य तो पालन करना ही पड़ेगा। अब ये विचलित करने वाली घटना घटी है तमिलनाडु में। यहां के कांचीपुरम में एक ईसाई शिक्षक को छात्रों का रुद्राक्ष पहनना और माथे पे चन्दन-विभूति लगाना इतना अधिक बुरा लगा कि क्रोध में भर कर उसने छात्रों के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें पीटा भी। छात्रों के माता-पिता ने सीएम के स्पेशल सेल को पत्र लिखकर इस स्कूल और शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। तमिल भाषा में लिखा गया यह पत्र सोशल मीडिया पे वायरल हो गया है।
एंडरसन हायर सेकेंडरी” स्कूल
10वीं कक्षा में पढ़ने वाले लड़कों किरुबाकरण और किरुबानंदन किरुबानंदन के माता-पिता ने सीएम के स्पेशल सेल को एक पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने जॉयसन नाम के एक ईसाई शिक्षक पर आरोप लगाया है कि उसने पवित्र रुद्राक्ष पहनने और विभूति लगाने के कारण उनके बच्चों के साथ बहुत गलत व्यवहार किया और उनकी पिटाई भी की। ये दोनों पीड़ित लड़के कांचीपुरम के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल “एंडरसन हायर सेकेंडरी” स्कूल में पढ़ते हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षक जॉयसन ने कथित तौर पर चन्दन और रुद्राक्ष पहनने पर लड़कों को यह कहते हुए अपमानित किया था कि केवल उपद्रवी और मिसफिट (misfits) लोग ही इसे पहनते हैं।
चर्च
उस अध्यापक ने कथित तौर पर यह भी कहा कि जो लोग शिव भगवान के प्रतीकों को पहनते हैं वे अनैतिक हैं।
बताया जा रहा है कि शिक्षक जॉयसन ने कथित तौर पर पवित्र चन्दन/विभूति और रुद्राक्ष पहनने पर लड़कों को यह कहते हुए अपमानित किया था कि केवल उपद्रवी और मिसफिट (misfits) लोग ही इसे पहनते हैं। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि जो लोग शिव भगवान के प्रतीकों को पहनते हैं वे अनैतिक हैं। बता दें कि दक्षिण भारत के दक्षिण भारत के चर्च द्वारा संचालित यह स्कूल 150 वर्ष से अधिक पुराना है। सरकार द्वारा इसे संरक्षण दिया जा रहा है।
रुद्राक्ष पहनने पर पीटा
कांचीपुरम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान सांसद, सेल्वम एक DMK नेता और इस स्कूल के पूर्व छात्र हैं। हाल ही में सीएम एमके स्टालिन ने चर्च ऑफ साउथ इंडिया की 75 वीं वर्षगाँठ में भाग लिया था। सीएसआई (Church of South India) राज्य भर में हजारों संस्थान चलाता है, और यह पहली बार नहीं है, जब इन स्कूलों में हिंदू छात्रों को परेशान किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार जॉयसन ने न केवल लड़कों को कक्षा में प्रवेश करने से रोका, बल्कि रुद्राक्ष पहनने पर उन्हें पीटा और उनके सहपाठियों के सामने उन्हें अपमानित किया। लड़कों के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि ईसाई शिक्षक ने उनके बच्चों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, उन्हें गाली दी। दुनियां जानती है कि हिंदुओं में रुद्राक्ष को भगवान शिव शंकर जी का प्रतीक माना जाता है और माथे पे चन्दन धर्म का अभिन्न अंग है।
अध्यापक जॉयसन
इतने से भी जब उसका मन नहीं भरा तब उसने उनकी कक्षा में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के सामने उन्हें अपमानित किया। लड़के अब स्कूल जाने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से अपने बच्चों को बेवजह परेशान करने वाले स्कूल और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। ये अध्यापक जॉयसन इससे पहले भी छात्रों के साथ दुर्व्यवहार कर चुका है, सन 2017 में भी उसने इसी तरह से आठवीं कक्षा के छात्र को अपमानित कर पीटा था। सजा के कारण छात्र के बीमार पड़ने के बाद जॉयसन को गिरफ्तार कर लिया गया था। जब बच्चे के माता-पिता अन्य शिक्षकों के व्यवहार के बारे में पूछताछ करने के लिए स्कूल गए तो उन्हें वहाँ उचित उत्तर नहीं दिया गया था।
In Hindustan, a Hindu student wore a holy Rudraksh and sandalwood on his forehead was beaten by teacher Joyson.