“If Rana Ayub called the saffron-clad Hindus terrorists then in Mumbai.”
एक अधिवक्ता ने FIR दर्ज करवा दी
कर्नाटक में पिछले बहुत दिनों से हिजाब-बुर्का पर बवाल जारी है। इस विवाद पर जहां कई इस्लामिक संगठन हिजाब पहनने वाली लड़कियों के सर्मथन में सामने आए हैं, वहीं बहुत सारे अराजकतत्वों द्वारा भी जहरीली बयानबाजियां की जा रही हैं जिससे देश में बेचैनी बड़ रही है। इन जहरीली बयान बाजी करने वालों में एक नाम पत्रकार राणा अयूब का भी है जो अपनी जहरीली बातों के कारण जानी जाती है। उसके एक जहरीले बयान के विरूध्द मुंबई में एक वकील ने केस दर्ज कराया है। राणा पर आरोप है कि उसने कर्नाटक में शैक्षाणिक संस्थानों में हिजाब का विरोध करने वाले भगवाधारियों को आंतकी कहा था।
मुंबई के एक अधिवक्ता ने अयूब के खिलाफ ये शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत में कहा है है कि 1.5 मिलियन फॉलोवर वाली राणा अयूब की उस विवादित वीडियो पर कार्रवाई की जाए जिसमें उसने भगवा झंडा उठाने वाले छात्रों को आतंकी बताया था। मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में पकड़ी गईं, वाशिंगटन पोस्ट की स्तंभकार राणा अयूब ने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज के द्वारा हिजाब-बुर्का विवाद पर अपना इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में अयूब ने शैक्षणिक संस्थानों में न सिर्फ लड़कियों के हिजाब पहनने के मसले पर झूठ बोला था बल्कि जय श्री राम कहने वालों को ‘हिंदू आतंकी’ बताया था, जिससे सारे हिन्दू समाज में रोष है।
बता दें कि राणा अयूब ने कभी नहीं बताया कि कैसे देश में हिंदुओं के ख़िलाफ़ तमाम अपराध होते हैं। बात चाहे गुजरात के किशन भरवाड की हो या झारखंड के रुपेश पांडे की, अयूब ने अपने इंटरव्यू में हिंदुओं के साथ के साथ हुई बर्बरता सहित सभी घटनाओं को को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। अपने इंटरव्यू के दौरान अयूब ने इतने झूठ बोले कि वो खुद अपने ही आँकड़ों में कन्फ्यूज हो गईं।
उसने शुरू में कहा कि 100 हिंदुओं ने कर्नाटक में एक मुस्लिम लड़की को घेरा और कुछ ही देर में वो बोल रही थी कि हिंदुओं की संख्या 200 थी। जिस बात पर एफ आई आर दर्ज हुई है वह यह है जो अयूब ने कही है , “ये वो भारत नहीं है जिस पर हमें कभी गर्व होता था। ये दक्षिणपंथी और हिंदू आतंकियों का भारत है.”
अयूब ने संविधान के आर्टिकल 25 का हवाला देकर ये तो बताया था कि कैसे देश के हर नागरिक को अपने मजहब के नियम कानून और अभ्यास करने का मौलिक अधिकार है, लेकिन ये बताना भूल गई कि ठीक इसी तरह देश के हर शैक्षाणिक संस्थान के पास भी अपने नियम बनाने का अधिकार है, जिसमें ड्रेस कोड का निर्धारण आता है और जिसे हर छात्र को फॉलो करना होता है।
We are now at survival condition due to like of these types of traitors.
Hindu would never tolerate this type of statement,Now.
जी सही कहा आपने