“Hindu majority village with 1600 year old temple, now Waqf Board property Hindus cannot sell their house.”
नित नई मुसीबत नित नया झंझट है अब हिंदुओं की आखिरी शरणस्थली हिंदुस्थान में हिंदुओं के लिए।

हिंदुओं पे कहर

सनातन 🚩समाचार🌎 वक्फ बोर्ड मुस्लिमों की संपत्ति के बारे में बना हुआ एक संस्थान है। इसके पास एक ऐसा खास कानून है कि अगर वक्फ बोर्ड आपके किसी भी घर दुकान या फैक्ट्री में आकर कह दे कि है जमीन वक्फ बोर्ड की है, तो इस कानून के प्रावधान के अनुसार आपके पास लगभग कोई भी विकल्प नहीं है कि आप अपनी प्रॉपर्टी को अपनी साबित कर सकें। इसी के चलते आज वक्फ बोर्ड के पास शायद हिंदुस्तान में सबसे बड़ी संपत्ति है। इस कानून का सहारा लेकर वक्फ बोर्ड लगातार अपनी संपत्ति को बढ़ाता जा रहा है। अब वक्फ बोर्ड का एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है जिसमें वक्फ बोर्ड ने सदियों से हिंदू बहुल आबादी वाले 1 पूरे के पूरे गांव को ही वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है।

राजगोपाल के हाथ पांव फूल गए

तमिलनाडु के त्रिची के नजदीक स्थित तिरुचेंथुरई गांव है।तिरुचेंथुरई तमिलनाडु में कावेरी नदी के दक्षिणी तट पर स्थित एक गाँव है। बता दें कि तमिलनाडु वक्फ बोर्ड द्वारा तमिलनाडु में त्रिचि के पास के तिरुचेंथुरई गांव पर अपनी माल्कियत होने का दावा ठोका है। इसका पता उस समय चला जब यह रहने वाले राजगोपाल नाम के एक व्यक्ति के हाथ पांव फूल गए। जब वह अपनी 1 एकड़ जमीन राज राजेश्वरी नाम के एक व्यक्ति को बेचने वाला था। राजगोपाल इस बारे में जब रजिस्ट्रार ऑफिस गए तब उन्हें पता चला कि जिस जमीन को वह अपनी कहते हैं और उसे बेचना चाहते हैं वह वास्तव में उनकी है ही नहीं, बल्कि वह जमीन तो अब वक्फ बोर्ड नाम हो चुकी है।

मालिक बेदखल

हैरान-परेशान राजगोपाल जब अपने गांव वालों को यह सब बताया तो पूरा का पूरा गांव यह जानकर हैरान रह गया कि जिस भूमि पर उनके दादा परदादा रहते आए आज उनकी भूमि से उन को बेदखल कैसे किया जा सकता है ? जबकि उनके पास उनके घरों के और कृषि की जमीनों के सभी कागज उपलब्ध हैं। इसके बाद सभी ग्रामीण जब कलेक्ट्रेट के पास गए तो उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच करेंगे तभी आपको कुछ बता पाएंगे।

वक्फ बोर्ड से एनओसी लेना आवश्यक है

इस प्रकरण के बारे में भुक्तभोगी राजगोपाल ने बताया कि जब मैं अपनी जमीन बेचने के लिए रजिस्ट्रार मुरली के पास गया तो उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको चेन्नई में वक्फ बोर्ड से एनओसी लाना होगा, तभी आप अपनी जमीन बेच पाएंगे। इस राजगोपाल ने कहा कि कि उसने यह जमीन सन 1992 में खरीदी है परंतु अब अपनी जमीन को बेचने के लिए वक्फ बोर्ड से एनओसी लाने की क्या आवश्यकता है ? इस पर अधिकारी द्वारा तमिलनाडु वक्फ बोर्ड का एक ढाई सौ पन्नों का पत्र राजगोपाल को दिखा दिया गया जिस पर लिखा था की तिरुचेंथुरई गांव में किसी भी भूमि की बिक्री के लिए चेन्नई वक्फ बोर्ड की ओर से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

https://youtu.be/_yN3uzzWwdk
मेहरबान केजरीवाल

वक्फ बोर्ड ने भू अभिलेख विभाग को पत्र और दस्तावेज द्वारा सूचित किया है यह पूरा गांव उसका है। यह भी कहा गया है जो व्यक्ति गांव की जमीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आते हैं उन्हें वक्फ बोर्ड से NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेना होगा । इस घटना से सारे गांव के हिंदुओं में बेचैनी फैली हुई है क्योंकि वो सभी कई पुश्तों से वहां रह रहे हैं परंतु अब सभी वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध घोषित कर दिए गए हैं।

मंदिर भी वक्त बोर्ड की संपत्ति है ?

यहां बहुत खास बात यह है कि इसी गांव में मानेदियावल्ली समीथा चंद्रशेखर स्वामी जी का मंदिर है। जिसके बारे में बहुत सारे दस्तावेज और साक्ष्य हैं की यह मंदिर लगभग 1600 वर्ष पुराना है। इस मंदिर के पास तिरुचेंथुरई गाँव और उसके आसपास 369 एकड़ की संपत्ति है। तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या यह मंदिर भी वक्त बोर्ड की संपत्ति है ? क्योंकि वक्फ बोर्ड एक इस्लामिक संस्था है, और इस्लाम को अस्तित्व में आए 1400 साल हुए हैं। और यह मंदिर 1600 साल पुराना है।

https://youtu.be/x-tkdAlKdaE
पीड़ित हिंदू

वक्फ बोर्ड द्वारा हिंदुओं को उनकी संपत्तियों को हटाने का यह कोई एक मामला नहीं है। वक्फ बोर्ड के पास कानून ही ऐसा है की वह किसी भी हिंदू को उसकी संपत्ति से बेदखल कर सकता है। इस बारे में बहुत सारे मामले सारे देश में सामने आते रहते हैं। इस बारे में देश के जाने माने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने इस कानून को खत्म करने के लिए अदालत में एक PIL भी लगाई हुई है।

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

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