“Here Hindu children do not have the right to study because Muslims have become 90%, Hindu children are being expelled from school, this is happening in India not in Pakistan.”
हिंदुओं ने अपनी आबादी जानबूझकर घटा ली है इसलिए अब यह सब तो होगा ही …
इनका अपराध है हिंदू होना
सनातन 🚩समाचार🌎 सुदर्शन न्यूज़ चैनल के चेयरमैन सुरेश चव्हाणके हमेशा कहा करते हैं कि जहां जहां हिंदू घटा वही वही देश बंटा, हिंदू कटे और मंदिर टूटे। उनके द्वारा यह बात पिछले लंबे समय से कही जा रही हैं जो अब लगातार सत्य प्रमाणित हो रही है। यह प्रमाणिक है की एक समय हिंदू विश्व सम्राट था परंतु किन्हीं अज्ञात कारणों से घटते घटते और कटते कटते एक छोटे से टुकड़े हिंदुस्तान में सिमट कर रह गया। फिर उसमें से निकले पाकिस्तान और बांग्लादेश में से भी हिंदू खत्म हो गया। अब 9 राज्यों में प्रमाणिक तौर पर हिंदू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। और अन्य राज्यों में अब हिंदुओं का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मिला है झारखंड में।
5 हिंदू बच्चों को स्कूल से निकाल भी दिया गया
यूं तो झारखंड में से लगातार हिंदुओं के साथ भेदभाव की घटनाएं और अत्याचार की खबरें सामने आती रहती है परंतु इस बार बेहद चिंता में डालने वाली खबर आ रही है झारखंड के गढ़वा जिले से। यहां के एक गांव में मुसलमानों की आबादी बढ़ जाने के कारण वहां के सरकारी स्कूल में हिंदुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं वहां पढ़ने वाले 5 हिंदू बच्चों को स्कूल से निकाल भी दिया गया है। एक मीडिया खबर के अनुसार यह हुआ है रंका ब्लाक के अंतर्गत पड़ते मानपुर गांव में। यहां पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय है, जिसमें पिछले कई सालों से हिंदुओं के बच्चों को दाखिला नहीं दिया जा रहा है।
स्कूल में किसी भी हिंदू छात्र को दाखिला नहीं दिया गया है
आरोप है कि इस गांव में मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 90% से अधिक है इसलिए इस स्कूल में केवल मुसलमानों के बच्चों को ही दाखिला दिया जा रहा है। बता दें कि लगभग 4 वर्ष पहले इस स्कूल ने 5 हिंदुओं के बच्चों का स्कूल से निष्कासन कर दिया था, तब से आज तक इस स्कूल में किसी भी हिंदू छात्र को दाखिला नहीं दिया गया है। निकाले गए बच्चों के नाम पंकज कुमार, दिलीप कुमार, रानी, अमृता कुमारी और नेहा कुमारी हैं। इस स्कूल के तालिबानी फरमान के बाद यह छात्र अब मजबूर होकर मानपुर से बहुत दूर एक स्कूल में पढ़ने जाते हैं। हिंदू होने के कारण स्कूल से निकाले गए इन बच्चों के पिता बाहरी प्रदेशों में मजदूरी करते हैं।
इन बच्चों की माताओं का आरोप है की इस स्कूल का प्रिंसिपल मुसलमान महताब अंसारी है तथा उसने स्पष्ट कहा है कि यहां पर सिर्फ मुसलमानों के बच्चे ही पढ़ाई करेंगे। स्वतंत्र भारत मैं इस तालिबानी फैसले की जानकारी मिलने के बाद इस प्रखंड के शिक्षा अधिकारी कामता प्रसाद ने कहा है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी। वहीं दूसरी ओर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रिंसिपल महताब अंसारी ने कहा है कि जिन छात्रों को बाहर किया गया है, उनकी स्कॉलरशिप आई थी। स्कूल ने उनकी स्कॉलरशिप का इस्तेमाल खराब हुए हैंडपंप को ठीक करवाने के लिए कर लिया, लेकिन बच्चों ने अपनी स्कॉलरशिप लेने के लिए हंगामा करना शुरू कर दिया जिसके बाद ही उन्हें स्कूल से निकाला गया था।
यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि यह एक सरकारी स्कूल है और सरकार से हर प्रकार की मेंटेनेंस के लिए पैसा उपलब्ध रहता है, परंतु क्या कारण है की प्रिंसिपल ने गरीब हिंदु बच्चों की स्कॉलरशिप के पैसे से स्कूल का हैंडपंप ठीक करवा दिया जबकि उसको पता था कि इन बच्चों के पिता अन्य प्रदेशों में जाकर मजदूरी करते हैं।