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“Firing on the chariot being prepared for the journey of Lord Jagannath, police is investigating.”
हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों पर हमले होना अब कोई आश्चर्य की बात नहीं रह गई है।
सनातन🚩समाचार🌎 लगातार कहीं ना कहीं से हिंदू आयोजनों पर हमलों की खबरे आती ही रहती हैं। इन हमलों से मणिपुर के हिंदू भी नहीं बचे हैं। मणिपुर की राजधानी इम्फाल में 4 जुलाई, 2024 को भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा के लिए तैयार किये जा रहे रथ पर फायरिंग की गई है। पता चला हैं की अज्ञात बंदूक धारियों ने रात लगभग 12.30 बजे निर्माणाधीन रथ पर फायरिंग की और फिर मौके से फरार हो गए।
इस हमले के तुरंत बाद इंफाल ईस्ट पुलिस को इस घटना की जानकारी दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और पुलिस के द्वारा मामले की जाँच पड़ताल की जा रही है। भगवान जगन्नाथ जी की यह रथ यात्रा 8 जुलाई, 2024 को होनी है। इसके लिए ही इस विशेष रथ को तैयार किया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह हमला इम्फाल के सना कोनुंग के पास किया गया है जहाँ पवित्र रथ खड़ा किया गया था।
बताया जा रहा है की हमलावर एडवांस हॉस्पिटल की दिशा से एक कार में सवार होकर आए थे। घटना स्थल पर पहुंच कर उन्होंने रथ पर दो राउंड फायरिंग की। फायरिंग करने के बाद हमलावर तेजी से पैलेस गेट की ओर वापस भाग गए। इस फायरिंग में कोई हताहत नहीं हुआ है। इस रथ यात्रा में भी भगवान जगन्नाथ जी, बलदाऊ जी और सुभद्रा जी को रथ पर विराजमान किया जाता है। यह पवित्र रथ लगभग 20 फीट ऊँचा बनाया जाता है और इसे श्रृद्धालु अपने हाथों से खींचते हैं।
इस रथ को काफी सजाया भी जाता है। यात्रा रथ को इस उत्सव के पहले और अंतिम दिन ही निकाला जाता है। यह रथ यात्रा मैतेई समुदाय के लोग निकलते हैं। मणिपुर सरकार की वेबसाइट के अनुसार इम्फाल में निकलने वाली यह रथ यात्रा राज्य के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। यह रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की तरह ही होती है।
बताने की अवश्यकता नहीं है की इसी राज्य के दो समुदायों कुकी और मैतेई के बीच चल रहे संघर्ष में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं। इस रथ पर हमला बीते लगभग डेढ़ वर्षों से मणिपुर में चल रही अशांति के बीच हुआ है।