नीच नेताओं की नीचता का खमियाजा भुगत रहे हैं हिन्दू और हमारा पुलिस विभाग और प्रशासन।
हमला करते बंगलादेशी और रोहिंग्या
सर्वविदित है कि वोटों के लालच में एक तथाकथित सेकुलर राजनीतिक पार्टी ने थोक में अवैध बंगलादेशी घुसपैठियों के राशन कार्ड, वोटर कार्ड और आधार कार्ड बनवाये (आज भी बनवा रहे हैं) वही लोग अब हिन्दुस्थान की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बने हुए हैं। पुलिस पे किये गए हमले की वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि किस तरह जमीन पर कब्जा जमाए बांग्लादेशियों और रोहंगियाने सुनियोजित तरीके से पुलिस को निशाना बनाया, जिससे पुलिस को विवश हो कर फायरिंग करनी पड़ी।
नॉर्थ ईस्ट भारत के राज्य असम के दारंग जिले में बीते गुरुवार को बांग्लादेशी जिहादियों ने जमकर हिंसा की। पवित्र शिव मंदिर की 30000 एकड़ जमीन पर कब्जा जमाए बैठे बांग्लादेशी घुसपैठियों ने कब्जा मुक्त कराने गई पुलिस टीम पर लाठियां तथा पत्थर बरसाए। अपने बचाव में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस घटना में 2 लोगों की मौत हो गयी और 9 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
लिंक को टच करें हमले की वीडियो देखें
इस भीषण घटना के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं जिसमें साफ़ दिख रहा है कि किस तरह से जमीन पर कब्जा जमाए बांग्लादेशियों ने भयंकर तरीके से पुलिस को निशाना बनाया।
असम के डीजीपी ने देर रात ट्वीट कर बताया कि सिपाझार में उन्होंने जमीनी हालात का जायजा लिया है। उन्होंने जानकारी दी कि जो कैमरामैन वीडियो में एक घायल को मारते देखा गया था वह फिलहाल असम सीआईडी की कस्टडी में है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने सीआईडी को जाँच के आदेश दिए हैं।
बिस्वा सरकार में मंत्री अशोक सिंगला ने कहा है कि प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाई हजारों साल पुराने हिंदू मंदिर को सुरक्षित करने के लिए की गई थी, जहाँ अवैध रूप से बंगलादेशियों द्वारा कब्जा किया गया था। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा के नेतृत्व वाली हमारी सरकार गरुखुटी, सिपाझार, दारंग जिले के 5000 साल पुराने विरासत हिंदू मंदिरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सिंगला ने कहा कि हम अपनी उन सभी प्राचीन संरचनाओं और मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त करवाने का संकल्प लेते हैं। जिन पर अवैध घुसपैठियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है।
इस वीडियो को देख कर पता चलता है कि पूरे भारत में एनआरसी की जरूरत क्यों है ? इसी झड़प के बाद पुलिस बल की ओर फायरिंग की गई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। दारंग के एसपी सुसांत बिस्वा सरमा ने मीडिया से हुई बातचीत में इस कार्रवाई को आत्मरक्षा करार दिया है। उन्होंने बताया कि परेशानी तब शुरू हुई जब धारदार हथियारों से लैस प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और आम लोगों पर हमला बोल दिया।
सुशांत बिस्वा सरमा ने आगे बताया कि पुलिस के जवानों ने आत्मरक्षा में गोलियाँ चलाईं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। दोनों पक्षों में हुई झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हो गए। घायल होने वालों में अधिकांश पुलिसकर्मी हैं।
Fierce attack by illegal Bangladeshis on police who went to rescue 30,000 acres of land of 5000 years old Shiva temple, 2 killed