“Due to the order of the court, a Hindu forced in Hindusthan presented the idol of his worshiper Thakurji in the court.”
क्या इसी दिन के लिए के लिए हिंदुओं ने अपने प्राणों की आहुतियां देकर देश को आजाद करवाया था ❓
सनातन 🚩समाचार🌎 यह कोई ज्यादा दुखी अथवा हैरान होने वाली बात नहीं है की हिंदुओं के हिंदुस्तान में हिंदुओं के आराध्य देवी-देवताओं के श्री विग्रह को भी अदालतों के धक्के खाने पड़ते हैं, क्योंकि ऐसा पहले भी हो चुका है।
अब फिर से हिंदू आस्था को तार-तार करने वाला वाली घटना घटी है उत्तर प्रदेश के मथुरा में। यहां पर उस समय हिंदू हक्के बक्के रह गए जब श्री कृष्ण जन्मभूमि बनाम ईदगाह मामले में सुनवाई के समय मंदिर पक्ष ने भगवान श्री कृष्ण जी के श्री विग्रह को अदालत में पेश किया।
बताने की आवश्यकता नहीं है कि भगवान श्री कृष्ण जी की जन्मस्थली को तोड़कर उस पर अवैध कब्जा करके एक ईदगाह बनाई गई थी। जिसके बारे मैं अदालत में केस चल रहा है पता चला है कि अदालत में भगवान श्री कृष्ण जी के श्री विग्रह (मूर्ति) को लेकर मंदिर पक्ष से आशुतोष पांडे जी अदालत में हाजिर हुए थे। जब उन्होंने अदालत में भगवान श्री कृष्ण जी के स्वरूप को पेश किया तब जज ने पूछा कि इन्हें क्यों लाए हो तो जवाब में आशुतोष पांडे जी ने कहा कि उन्होंने जो केस दायर किया है उसमें केशव जी (भगवान श्री कृष्ण) ही वादी हैं।
मंदिर पक्ष के आशुतोष पांडे जी ने अदालत को यह भी बताया की पिछली तारीख को अदालत ने वादी पक्ष के सभी लोगों को हाजिर होने का आदेश जारी किया था। ऐसे में विवश होकर उन्हें भगवान श्री कृष्ण जी के श्री विग्रह को अदालत में लेकर आना पड़ा है। अदालत ने पांडे जी की बात को सुनकर भगवान श्री कृष्ण जी की हाजिरी स्वीकार करते हुए कहा कि अब इन्हें दोबारा यहां पर ना लाया जाए।
अब श्री कृष्ण जन्मभूमि बनाम ईदगाह मामले की अगली सुनवाई करने के लिए आगामी 13 फरवरी 2023 की तारीख तय की गई है। उस दिन होने वाली सुनवाई में इस केस के अन्य वादी भगवान श्री कृष्ण जी के सखा के तौर पर अपना पक्ष अदालत में प्रस्तुत करेंगे। बता दें कि श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार आशुतोष पांडे ने अदालत से विवादित परिसर के सर्व के की मांग की है। उनकी इस मांग पर न्यायालय ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 13 फरवरी 2023 निश्चित की है।
भगवान श्री कृष्ण जन्मस्थली से जुड़े आशुतोष पांडे ने सवालों के जवाब देते हुए बताया है कि पिछली तारीख को अदालत ने स्वयं कहा था कि वादी नंबर 6 केशव (भगवान श्री कृष्ण) जी गैर हाजिर हैं। जिस कारण उन्होंने आज भगवान श्री कृष्ण जी की प्रतिमा को कोर्ट में पेश किया है। उन्होंने यह भी बताया है अदालत में ईदगाह वालों को चोर बताते हुए उनके द्वारा बिजली चोरी का खुलासा उन्होंने ही किया था। मंदिर पक्ष के आशुतोष पांडे ने आगे बताते हुए कहा कि ईदगाह कमेटी वालों के पास कोई भी मालिकाना अधिकार नहीं है। और उनका टैक्स भी श्री कृष्ण जन्मभूमि ही जमा करवाती है।
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि ईदगाह कमेटी वाले लोग हिंदुओं के प्रतीक चिन्ह और वहां दबी हुई प्रतिमाओं को हटाना चाहता हैं, ताकि सारे सबूत मिट जाएं। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष के लोग मिट्टी को हटाकर उसमें दबे हुए मौजूद खंभों को भी वहां से हटा देना चाहते हैं। जिस कारण उन्होंने अदालत से कहा है कि उस स्थान का सर्वे करवाया जाए।