“Chishti of Ajmer Dargah: Muslims will not tolerate India will be shaken, Hindus boycott then themselves were shaken and reached in goodwill rally.”
सद्भावना रैली के नाम पर सद्भावना का मजाक उड़ाया गया अजमेर दरगाह के चिश्ती के द्वारा
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सनातन 🚩समाचार🌎 देश में इन दिनों जो तनातनी का माहौल है उसके चलते सद्भावना की बहुत आवश्यकता है, और इस बारे में प्रयास किए भी जा रहे हैं। परंतु सद्भावना के नाम पर सद्भावना का मखौल उड़ाया गया 12 जुलाई 2022 मंगलवार को अजमेर में। बता दें कि अजमेर में एक सद्भावना रैली निकाली गई थी जिसका उद्देश्य सभी धर्मों के प्रति शांति और सद्भावना का संदेश देना था। यह एक बहुत अच्छा प्रयास था परंतु इसी सद्भावना रैली में कुछ ऐसी तस्वीरें भी निकल कर सामने आई हैं जो इसके मकसद पर सवालिया निशान उठाती हैं,क्योंकि इस रैली में अजमेर की दरगाह मैनेजमेंट कमेटी का सचिव सैयद सरवर चिश्ती भी मौजूद था।
यह हम कभी कबूल नहीं करेंगे
बताने की आवश्यकता नहीं है कि यह वही सरवर चिश्ती है जिसने कुछ दिन पहले नूपुर शर्मा मामले में बेहद भड़काऊ तकरीर की थी। उसने खुलेआम माइक पर जोर जोर से बोलते हुए कहा था कि मुस्लिम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस वक्त मुल्क में जो हालात हैं। सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम की शान में गुस्ताखी हो रही है। यह हम कभी कबूल नहीं करेंगे। बहुत जोश में भरकर इसने वहां पर उपस्थित लोगों के बीच कहा था कि हम ऐसा आंदोलन करेंगे कि पूरा भारत हिल जाएगा। वैसे इस अजमेर दरगाह के सरवर चिश्ती ने ही ऐसी बातें की हो ऐसा भी नहीं है।
सरवर चिश्ती का सद्भावना रैली में शामिल होना बहुत बड़े सवाल पैदा करता है
देश में कई स्थानों पर बहुत सारे मौलानाओं के द्वारा इसी तरह की घोषणाएं की गई थीं और स्पष्ट कहा गया था कि सर तन से जुदा तन सर से जुदा। बहरहाल सरवर चिश्ती ने जिस अंदाज में यह ऐलान किया था उससे उसके इरादे साफ बता रहे थे कि उसके मन में क्या चल रहा है। ऐसे में उस भड़काऊ भाषण देने वाले सरवर चिश्ती का सद्भावना रैली में शामिल होना बहुत बड़े सवाल पैदा करता है। इस भाषण के अलावा अजमेर दरगाह के इस चिश्ती ने हिंदू दुकानदारों पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि जिन की दुकानें दरगाह के आसपास के इलाकों में हैं वही आज अजमेर शहर में जुलूस निकाल रहे हैं।
चिश्ती खुद को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य बताता है
(हिंदुओं की तरफ इशारा करते हुए) आप किस बात के लिए जुलूस निकाल रहे हैं यह नूपुर शर्मा के समर्थन में जुलूस निकाला गया था लेकिन अंत समय में पोस्टर बैनर बदल दिया गया। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि अजमेर दरगाह के इस चिश्ती पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पी एफ आई) से संबंध होने के भी आरोप हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरवर चिश्ती खुद को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य बताता है और उसे इस संगठन के सदस्यों के साथ कई बार देखा भी जा चुका है। साथ ही उसने कई बार मंचों से पीएफआई की तारीफ भी की है। ये सारी बातें जगजाहिर होजाने के बाद अब हिंदू अजमेर दरगाह का बहिष्कार कर रहे हैं, शायद इसी कारण ही दरगाह के चिश्ती अब सद्भावना की राह पर चल पड़े हैं।
आपको बता दें कि उदयपुर में कन्हैया लाल का कत्ल करने वाले मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के बारे में पुलिस को जांच में पता चला है कि उनके संबंध अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती से हैं। यह भी बताया जा रहा है कि कन्हैया लाल की हत्या के बाद उसके दोनों कातिल अजमेर में गौहर के पास छिपने के लिए आ रहे थे परंतु उन्हें रास्ते में ही पकड़ लिया गया। जांच में जब यह राज खुला तब से अजमेर दरगाह का खादिम गौहर चिश्ती फरार है।
बहरहाल देश में शांति हो सद्भावना हो इसके लिए प्रयास तो अवश्य ही किए जाने चाहिए। परंतु यह भी बहुत विचित्र बात है की सद्भावना करने में भी वही लोग अब आगे आ रहे हैं जो देश में घृणा और उन्माद फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं।