“Changing the power will not save the media, but the famous journalists will have to go to jail?.”
पादरियों पर चुप रहे, मौलवियों पर मुंह में दही जम गया परंतु हिंदू संतों पे दिन रात मीडिया ट्रायल चलाए इन लोगों ने।
सनातन 🚩समाचार🌎 जब से BJP सत्ता में आई है तब से मीडिया वालों ने भी अपना रवैया थोड़ा सा बदला है, परंतु इससे पहले का रिकॉर्ड चेक करें तो केवल एक सुदर्शन न्यूज़ चैनल के इलावा सारा मीडिया हिंदू विरोधी ही रहा है। इन्होंने हमेशा हिंदुओं की छोटी से छोटी बात को उछाला है और दूसरी तरफ मुस्लिम और ईसाई समाज की बड़ी से बड़ी खबरों को इन लोगों ने दबाया है।
धारा पॉक्सो लगी पत्रकारों पर
अपनी इसी मानसिकता के चलते इन्होंने एक नाबालिक हिंदू लड़की की इज्जत को अपने चैनलों पर इतना उछाला कि आखिर इनके ऊपर कानून की धारा पॉक्सो के अंतर्गत मामला दर्ज हो गया। हालांकि पीड़ित नाबालिग लड़की के परिजनों के द्वारा इन पर एफआईआर लिखवाने में बहुत लंबा समय लगा और उन्हें कड़ा संघर्ष भी करना पड़ा। इसके बाद इनकी करतूत का मामला अब अदालत में विचाराधीन है।
न्यायालय को गुमराह करने के मामले में “रिपब्लिक चैनल” के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध दायर याचिका पर न्यायालय का संज्ञान :–
झूठ बोलकर,गवाही देकर न्यायालय को गुमराह किये जाने के मामले में गत 16 सितंबर को शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमे “रिपब्लिक चैनल” के एंकर सैयद शोहेल के विरुद्ध बीते 30 मई को दायर याचिका पर रिपब्लिक भारत चैनल के सैयद सोहेल द्वारा प्रसारित कार्यक्रम की वीडियो को न्यायालय में पेश किया गया और बाद में शिकायतकर्ता का न्यायालय में बयान दर्ज किया गया।
सैयद सोहेल, दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजित अंजुम
सनातन समाचार को मिली जानकारी के अनुसार दायर याचिका में कहा गया है कि, पोक्सों के तहत पालम विहार थाना में वर्ष 2015 से दर्ज मामले में गत 7 मई को सैयद सोहेल समेत दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजित अंजुम आदि के विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी हुआ था। जिसमे उक्त 3 आरोपी पेश हुए लेकिन उक्त 4 आरोपी में से सैयद शोहेल अपने वकील के माध्यम से न्यायालय के समक्ष लिखित में बीमार होने का हवाला देकर पेश नही हुआ। जिसके बाद पीड़ित शिकायत कर्ता संजय पटेल ने उक्त एंकर के विरुद्ध याचिका दायर की थी।
सोशल मीडिया में वायरल चित्र
याचिका में यह भी कहा गया कि सैयद सोहेल ने ईद के मौके पर दिल्ली से बाहर अपने स्थानीय गांव लखनऊ में बीमारी का हवाला देकर न्यायालय से पेशी से छूट की मांग की गई जिसपर न्यायालय ने पेशी से छूट दे दी थी। बतादें की उसी दिन 7 मई को ही दोपहर 3 बजे और रात्रि 9 बजे रिपब्लिक चैनल पर प्राइम टाइम में लाइव कार्यक्रम में इसे दुनियां ने देखा। इतना ही नही 6 मई को भी रात्रि 9 बजे के प्रसारित कार्यक्रम में भी सैयद सोहेल को देखा गया। जिसके बाद इन्ही सबूतों को आधार बनाकर न्यायालय में सैयद सोहेल के विरुद्ध अर्जी लगाई गई।
रिपब्लिक चैनल की तरफ से
जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए बीते 6 जून को शिकायत कर्ता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा के निवेदन पर 6- 7- 8 मई को सैयद सोहेल द्वारा प्रसारित कार्यक्रम की वीडियो को सुरक्षित रखे जाने की मांग पर न्यायालय ने रिपब्लिक चैनल को आदेश जारी कर कहा की डाटा सुरक्षित रखकर उस प्रसारित वीडियो को न्यायालय में पेश किया जाए, ताकि वीडियो के परीक्षण के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके। इसके बाद रिपब्लिक चैनल की तरफ से सैयद सोहेल द्वारा किए गए कार्यक्रम की उस वीडियो को न्यायालय में पेश किया गया। अब आगे की सुनवाई हेतु न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2022 तारीख पेशी तय की है।
10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था
दरअसल वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार थाना क्षेत्र के राजेश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर में प्रसिद्ध संत आसारामजी बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय राजेश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनल ने बनाए गए वीडियो को प्रसारित किया था।
अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया
नाबालिक लड़की के परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी नाबालिग बच्ची की इज्जत से खिलवाड़ करने के लिए व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए इन न्यूज चैनलों ने वीडियो को तोड़ मरोड़ कर अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया था, जिससे हमारे परिवार को व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। इससे आहत होकर पीड़ित नाबालिग लड़की के परिजनों ने पालम विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
बताने की आवश्यकता नहीं है की मासूम नाबालिग लड़की और आसारामजी बापू को दिन रात बदनाम करने में पत्रकार दीपक चौरसिया ने सबसे अधिक भूमिका निभाई थी।