“Bageshwar Dham converted 220 converted Christians to Hinduism, so will the same thing happen to them now? Which happened with Saint Shri Asaramji Bapu.”
आशा है की अब षड्यंत्रकारी सफल नहीं हो पाएंगे क्योंकि अब हिंदू सब कुछ समझ चुके हैं।
सनातन 🚩समाचार🌎 मध्य प्रदेश के छतरपुर में पढ़ते बागेश्वर धाम में बड़ी संख्या में हिंदू धर्म त्याग कर ईसाई बन चुके लोगों को दोबारा हिंदू बनाया गया है। इस बारे में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री जी ने कहा है कि इन सभी लोगों ने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से घर वापिसी का निर्णय लिया है।
ईसाई मत त्याग कर हिंदू बनने के लिए 4 वर्षों में लोग बागेश्वर धाम पहुंचे थे। इस अवसर पर धीरेंद्र शास्त्री जी ने अपने विरोधियों पर तो निशाना साधा ही है, साथ ही उन्होंने एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने के संकल्प को दोहराया है। उन्होंने कहा है कि मैं श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किए जाने की मांग भी करता हूं।
बता दें कि गत रविवार को बागेश्वर धाम में पंडित धर्मेंद्र शास्त्री जी के एक बड़े आयोजन का समापन हुआ था। इस मौके पर देशभर से आए हुए संतो, हजारों भक्तों और सारी मीडिया के सामने अपने मंच पर 200 से अधिक लोगों को की घर वापसी करवा कर उन्होंने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब यह काम रुकने वाला नहीं है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि जबसे उन्होंने घर वापसी का अभियान चलाया है तभी से उनके पीछे बहुत सारे हिंदू द्रोही लोग पड़े हुए हैं।
पता चला है की घर वापसी की सूची में 220 लोगों का नाम हैं। यह सभी वह लोग हैं जो कभी अपना हिंदू धर्म त्याग कर इसाई बन चुके थे। और कई लोग तो बकायदा चर्च में भी जा रहे थे। इस बीच एक सामाजिक संगठन ने उन्हें बागेश्वर धाम के बारे में बताया और उन्हें लेकर वह संगठन बागेश्वर धाम आ गया। घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया है कि वह बागेश्वर धाम और महेंद्र शास्त्री जी से प्रभावित होकर अपने मूल धर्म में लौट आए हैं, क्योंकि उनका मूल धर्म सनातन ही है।
बागेश्वर धाम में घर वापसी करने आए सभी लोगों को पंडित धर्मेंद्र शास्त्री ने मंच पर अपने सामने बिठाया और उन सभी को तिलक लगाकर पीले पटके पहनाए गए। उसके बाद पूरे विधि विधान से उन सभी की घर वापसी करवाई गई। देवेंद्र शास्त्री जी ने उनसे कहा कि सभी लोग बालाजी के दरबार में पेशी आरंभ करें। उन पर कभी कोई संकट नहीं आएगा। इस बारे में और बताते हुए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धर्मेंद्र शास्त्री जी ने बताया है कि घर वापसी करने वाले इन 220 लोगों में से कई लोग निरंतर चर्च में जाते थे, और आज ये सभी ने खुद अपनी मर्जी से सनातनी बनने के संकल्प के इरादे से बागेश्वर धाम आए हैं। हम नहीं चाहते कि टीवी पर इनकी चर्चा चले।
सनातनियों के लिए इस प्रकार की खबरें बहुत ज्यादा संतोषजनक हैं, किंतु यहां पर बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि क्या पंडित धर्मेंद्र शास्त्री जी भी उसी षड्यंत्र का शिकार हो जाएंगे ? जिसके शिकार 87 साल के बुजुर्ग संत आसाराम जी बापू हो चुके हैं। बताने की आवश्यकता नहीं है की बापू जी ने तो बहुत बड़े स्तर पर घर वापसी कार्यक्रम किए थे। उन्होंने गांव के गांव घर वापसी करवा दिए थे। जिसके चलते एक बड़ा षड्यंत्र करके उन्हें वहां पहुंचा दिया गया है जो उनका स्थान है ही नहीं। और अब उसी रास्ते पर पंडित धर्मेंद्र शास्त्री जी भी चल पड़े हैं।
यहां संतोष की बात ये है की अब हिंदू अच्छी तरह समझ गए हैं की उनके साथ कैसे कैसे षड्यंत्र हो चुके हैं। मीडिया के कुप्रचार के चलते हिंदू भ्रमित होकर संत श्री आसाराम जी बापू के साथ खड़े नहीं हुए थे। किंतु अब आशा की जानी चाहिए की हिंदू बागेश्वर धाम के वीरेंद्र शास्त्री जी को अकेला नहीं छोड़ेंगे और उनका पूरी तरह साथ देंगे।