“Baba’s bulldozer will continue to break illegal construction, Jamiat Ulmay Hind got a setback, Supreme Court said this ki.”
जुम्मे की नमाज के बाद नमाजियों के भयंकर तांडव के बाद रुकने का नाम नहीं ले रहे बुलडोजर
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सनातन🚩समाचार🌎 जुम्मे की नमाज के बाद नमाजियों के द्वारा उत्तर प्रदेश में किए गए पथराव, आगजनी, गोलीबारी और बम बाजी के बाद योगी बाबा आदित्यनाथ जी ने उन आतताइयों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हर तरह से उन पर कानूनी प्रहार करने चालू कर दिए गए हैं। जिसके तहत बुलडोजर का प्रयोग एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। कानपुर दंगों के बाद दंगा करने वालों के अवैध बने हुए घरों को बुलडोजरों से ध्वस्त किया जा रहा है। उधर इस कार्यवाही को रुकवाने के लिए इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
बुलडोजर रोकने के लिए नहीं कह सकते
याचिका को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है और इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश को जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए तीन दिन का समय दे दिया है। इस याचिका की सुनवाई जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि वह राज्य से बुलडोजर एक्शन को रोकने के लिए नहीं कह सकते परंतु कोर्ट सरकार को नियम के अंतर्गत ही ऐसा करने को कह सकता है।
कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया
इस प्रकार अदालत ने कोई आदेश जारी नहीं किया है, परंतु अधिकारियों को यह हिदायत अवश्य दी है कि 21 जून मंगलवार को इस मामले की अगली सुनवाई होने तक कोई भी कार्यवाही ना की जाए। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार की ओर से जो भी अवैध निर्माण तोड़े गए हैं उनमें सभी तरह की उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। बताने की आवश्यकता नहीं है कि कानपुर में 3 जून को जुम्मे की नमाज के बाद नमाजियों ने बहुत बड़े पैमाने पर हिंसा की थी।
हिंदू मंदिर पर भी हमला किया गया
इस हिंसा में नाबालिक बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया था तथा एक हिंदू मंदिर पर भी हमला किया गया था। इस सब के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए हमला करने वालों के अवैध निर्माणों को गिरा देने का नोटिस जारी कर दिया था, और अब उन्हें गिराया भी जा रहा है। इन पत्थरबाजों और मंदिर पर हमला करने वालों के समर्थन में उतरे जमीयत उलेमा ए हिंद ने कानपुर दंगे के मुख्य षड्यंत्र कारी जफर हयात हाशमी का भी खुलकर समर्थन किया था। इन्होंने ही बुलडोजर की कार्रवाई रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
आपको याद दिला दें की दिल्ली में श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष में निकाली गई शोभायात्रा पर भी जब भयंकर पथराव किया गया था तो उसके बाद प्रशासन ने पथराव करने वालों के अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए जब बुलडोजर की कार्रवाई की थी, तब भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर उसमें अवैध कब्जा धारियों और पत्थरबाजों को बचा लिया गया था।