“Asadulla (head husband) beat up, Balmiki/Jai Bheem family forced to flee because Jai Meem people in the village…….”
जहां जहां हिंदू घटा वहीं वहीं कटा और देश बंटा – सुरेश चव्हाणके।
पीड़ित दलित
सनातन 🚩समाचार🌎 ये एक विडंबना ही है जो आज हिंदू अपनी आखिरी शरण स्थली में ही निरंतर खत्म हो रहा है और भाग रहा है बस भाग ही रहा है। अब फिर से भागने की खबर आई है अपने गांव से भाग रहे एक दलित की। ये घटना भी घटी है योगी आदित्य नाथ जी के उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में। यहां से एक दलित बाल्मीकि परिवार पर मुसीबतों का फाड़ टूट पड़ा है क्योंकि अब उन्हें अपने गांव से भागना पड़ रहा है।
विवरण ……….
अपनी पीड़ा को बताते हुए पीड़ित राजेंद्र ने कहा है की, मेरे गाँव में मैं और मेरा भाई नरेश रहते हैं। मैं गाँव से किसी काम से बाहर गया हुआ था। जब मैं वापस आया तो प्रधान के लड़कों ने मुझ पर हमला किया। उसने अपने घाव दिखाते हुए कहा की देखो उन लोगों ने मुझे कितना मारा मेरे कपड़े भी फाड़ दिए। ये सारे मुस्लिम हमें भगाना चाहते हैं और हमारे घर पर कब्जा करना चाहते हैं। राजेन्द्र ने हाथ जोड़ कर निवेदन किया है कि उसे इन दरिंदों से बचाया जाए, नहीं तो वे उसे भी उसकी माँ की तरह मार डालेंगे।
गाँव में हमें छोड़कर सभी मुस्लिम रहते हैं
पीड़ित राजेंद्र ने आगे बताया की इन लोगों ने 2009 में मेरी माँ की हत्या की थी। वैसे ही ये अब हमें मारना चाहते हैं और इस गाँव से भगाना चाहते हैं। इस गाँव में हमें छोड़कर सभी मुस्लिम परिवार रहते हैं, ये हमें यहाँ नहीं रहने देंगे। थाने में भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैंने इस बारे में थाना कुन्दारी में 11 सितंबर 2022 को शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। इस बाल्मीकि दलित परिवार का आरोप है है की एक गांव की मुस्लिम प्रधान का पति और उनके लड़के उन्हें गाँव से भगा देना चाहते हैं तथा उन्हें जाति सूचक गालियां दे दे कर बार-बार प्रताड़ित किया जाता है।
पुलिस को दी अपनी शिकायत में पीड़ित ने पुलिस को ये भी बताया है कि वह बाइक से 11 सितंबर को अपने गाँव पहुँचा तो दोपहर लगभग 2 बजे पुरानी रंजिश के चलते प्रधान पति असदुल्ला और उसके लड़कों ने मुझे पीटा और गालियाँ दीं। ये सब देखकर जब मेरी बहन अनीता मुझे बचाने आई, तो उन लोगों ने उसके साथ भी गाली-गलौच की और उसे धक्के मारे। ये भी आरोप है की इसी असदुल्ला ने जुलाई 2022 में सरेआम गुंडागर्दी करते हुए गांव के दलितों के कई घर तोड़ डाले थे और कई दलितों के घरों में तले जड़ दिए थे। तब उसने सभी हिंदुओं को गांव छोड़ कर भाग जाने को कहा था।
बड़ा प्रश्न
यहां बड़ा प्रश्न ये है की दिन रात जय भीम जय मीम जपने वाले महान नेता मुसीबत की घड़ी में अपने समाज की सहायता क्यों नहीं करते हैं ? वह उन्हें संकट के समय हमेशा क्यों अकेला छोड़ देते है ?
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