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“They surrounded the police and tore their uniforms because they wanted to recover the stolen jewelery from Yusuf and Akbar.”
देश में लोकतंत्र नहीं बल्कि भीड़ तंत्र है – ये बार बार प्रमाणित होता रहता है।
सनातन🚩समाचार🌎 किसी मुस्लिम अपराधी को पकड़ने गई पुलिस पर हमला होने की घटनाओं में दिनों दिन बढ़ोतरी होती जा रही है। पुलिस उस समय बेहद मजबूर हो जाती है जब उन्हें कोई इस्लामी भीड़ घेर लेती है और उनकी वर्दियों फाड़ने के साथ-साथ उनकी पिटाई भी कर दी जाती है, पथराव कर दिए जाते हैं और धारदार हथियारों से भी हमले किए जाते हैं।
यह सब किया जाता है अपने भाई जान को पुलिस से बचाने के लिए। इसी प्रकार की एक और घटना उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में घट गई है। दरअसल पुलिस को पक्की सूचना मिली थी की युसूफ और अकबर ने तमिलनाडु में हुई गहनों की डकैती का माल खरीदा है, जिसे बरामद करने के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन दोनों आरोपियों की दुकानों पर छापेमारी की थी।
इस पुलिस पार्टी पर 19 मई 2024 को हमला किया गया है, जिसमें दो सब इंस्पेक्टर घायल हो गए हैं तथा अन्य पुलिस कर्मियों की वादियां भी फाड़ दी गई हैं। इतना ही नहीं पुलिस पार्टी में शामिल महिला पुलिस कर्मियों को भी नहीं छोड़ा गया उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। बता दें कि तमिलनाडु की पुलिस ने कुछ स्थानीय डाकुओं को पकड़ा था। पूछताछ में उन्होंने बताया था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में लूट का माल बेचा है।
डकैतों की द्वारा दी गई जानकारी की जांच करते हुए तमिलनाडु पुलिस को पता चला कि लूटे गए गहनों को मुरादाबाद के पाकबड़ा इलाके में एक सर्राफ की दुकान चलाने वाले युसूफ और अकबर ने खरीदा है। यह पता चलने पर तमिलनाडु पुलिस लूट का माल बरामद करने के लिए 19 में को मुरादाबाद पहुंच गई।तमिलनाडु से आई हुई पुलिस टीम में सब इंस्पेक्टर आनंदरसन और पांडियन के अलावा हेड कॉन्स्टेबल महाराजन, सैयद हबीज और कॉन्स्टेबल शक्तिवेल, इब्राहिम इत्यादि शामिल थे।
तमिलनाडु की पुलिस ने मुरादाबाद पहुंचकर स्थानीय पुलिस को भी साथ ले लिया। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की पुलिस टीम में महिला कर्मी भी शामिल थीं।पता चला है कि यह संयुक्त टीम दोपहर लगभग ढाई बजे जुम्मे रात का बाजार नाम से प्रसिद्ध सर्राफ बाजार में पहुंची और अकबर युसूफ और फरजान की दुकानों की तलाशी लेनी चालू कर दी। इसी दौरान तीनों दुकानदारों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध करना चालू कर दिया और वह पुलिस टीम को धक्का मुक्ति करते हुए गालियां देने लगे।
इन तीनों के हो हल्ला करने पर वहां पर अब्दुल, यूनुस, हनीफ, वसीम, सायरा बानो, हिना परवीन आदि लोग भी पहुंच गए। इनके साथ और भी बहुत सारे लोग थे जिनमें महिलाएं भी थीं। इन सभी ने लूट का माल बरामद करने आई पुलिस के साथ गाली गलौज करनी शुरू कर दी। पुलिस ने इन लोगों को समझने का बहुत प्रयास किया किंतु वह नहीं माने और उन्होंने उन सभी ने मिलकर पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया जिससे सब इंस्पेक्टर्स को चोटें आई और दरोगा की वर्दी भी फाड़ दी गई।
#मुरादाबाद – तमिलनाडु की पुलिस से मुरादाबाद में मारपीट, अभद्रता
— दार्शनिक समाचार (@Darshniksamacha) May 21, 2024
क्षेत्रीय दंबगों द्वारा घटना को दिया गया अंजाम
तमिलनाडु में हुई घटना की जांच करने आई थी पुलिस
स्थानीय पुलिस टीम के साथ भी की गई मारपीट
तलाशी लेने पहुंची पुलिस टीम के साथ हुई अभद्रता@moradabadpolice pic.twitter.com/WehT3VcA5N
अपने को घिरा हुआ देखकर पुलिसकर्मियों ने अतिरिक्त फोर्स मंगवा ली। इसके बाद और पुलिस को आई हुई देखकर हमला करने वाले पुलिस वालों को जान से मार देने की धमकियां देते हुए भाग गए। पुलिस पर हुए इस हमले के बाद हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है तथा इनमें से पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बता दें कि तमिलनाडु के विल्लुपुरम में रहने वाली गीता देवी के घर 6 अप्रैल 2024 को एक बड़ी डकैती डाली गई थी जिसमें भारी मात्रा में नगदी और जेवरात लूट लिए गए थे।
इसी सिलसिले में तमिलनाडु के पुलिस मुरादाबाद में पहुंची हुई थी। पुलिस ने फरजान, युसूफ, अकबर, यूनुस, अब्दुल, वसीम, हनीफ के इलावा हिना परवीन और सायरा बानो को नाम जद किया है, और साथ ही छह अज्ञात हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ कानून की धारा 147, 148, 332, 353, 336, 506 और 504 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है तथा अब हमले में घायल हुए पुलिस कर्मियों का इलाज करवाया जा रहा है।