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“OBC certificates were being distributed indiscriminately, High Court’s whip, it was over.“
बिना किसी मानक प्रक्रिया का पालन किए ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। ये असंवैधानिक है।
सनातन🚩समाचार🌎 पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर का विवादों से गहरा नाता रहा है ममता बनर्जी पर यह आप भी लगता रहा है कि वोटो की राजनीति के चलते उन लोगों को भी ओबीसी सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं जो इस लाभ के अधिकारी हैं ही नहीं अब इसी मसले पर ममता बनर्जी को झटका देते हुए हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर दिया है
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 22 मई 2024 को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका देते हुए 2010 के बाद से अब तक जारी किए गए लगभग सभी 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द कर दिए हैं। इस आदेश के साथ ही टीएमसी सरकार के कार्यकाल के दौरान जारी किए गए लगभग पाँच लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए हैं। अब नौकरी के आवेदनो में भी ओबीसी सर्टिफिकेट स्वीकार नहीं किए जाएँगे।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने ये भी कहा है कि इस फैसले का असर उन लोगों पर नहीं पड़ेगा जो पहले से ही इस सर्टिफिकेट से लाभ उठा रहे हैं और उन्हें मौका मिल चुका है। इस बारे में जस्टिस राजशेखर मंथर और जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और की बेंच ने कहा कि राज्य में वर्ष 2011 से ही बिना किसी मानक प्रक्रिया का पालन किए OBC प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह से प्रमाण पत्र जारी करना असंवैधानिक है और पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह का पालन किए बिना किया गया है, इसलिए उन सभी प्रमाण पत्रों को रद्द किया जाता है।
हालाँकि, अदालत ने ये भी कहा है कि इस अवधि के दौरान जारी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द किए जाने के बाद अब पिछड़े वर्गों की सूची 1993 के नए अधिनियम के अनुसार तैयार की जानी है।
ये सूची पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार की जाएगी। जो लोग 2010 से पहले ओबीसी सूची में थे वे बने रहेंगे। हालाँकि, 2010 के बाद के सभी OBC नामांकन रद्द कर दिए गए हैं।
The Calcutta High Court has cancelled all OBC certificates issued in West Bengal after 2010.
— ANI (@ANI) May 22, 2024
The list of backward classes is to be prepared according to the new Act of 1993. The list will be prepared by the West Bengal Backward Classes Commission. Those who were in the OBC list… pic.twitter.com/p2ANc0Giwn