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“If you have to take the exam then take off the sacred thread, got the sacred thread taken off, Hindu organizations got angry and took this decision.”
अगर आप हिंदू हैं तो रहें तैयार कुछ भी सहने के लिए क्योंकि आप हिंदुस्तान में रहते हो।
सनातन🚩समाचार🌎 हिंदू आस्थाओं पर आघात होने वाली अंतहीन श्रृंखला में एक नई कड़ी जुड़ गई है असम में। यहां पर एक कॉलेज के परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने के लिए जब एक परीक्षार्थी प्रदेश करने लगा तब उसे गेट पर ही रोक दिया गया और उसका जनेऊ/यज्ञोपवीत उतरवा दिया गया। बताने की आवश्यकता नहीं है कि जनेऊ का सनातन धर्म में अपने आप में एक बहुत भारी महत्व है।
सनातन परंपरा में प्रत्येक हिंदू का जनेऊ संस्कार होना अनिवार्य है, किंतु तब क्या किया जाए जब हिंदू द्रोह के चलते स्कूलों कॉलेजों में नियमों के बहाने हिंदू धर्म के प्रतीको का अपमान कर दिया जाता है। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार यह घटना 15 में को असम में घटी है। यहां पर होने वाली कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जामिनेशन (CUET) परीक्षा में बैठने के लिए एक हिंदू छात्र को उसका जनेऊ उतारने के लिए विवश किया गया है।
पता चला है की जिस पीड़ित छात्रा का धार्मिक चिन्ह जनेऊ उतरवाया गया है उसका नाम धृतिराज बशिष्ठ है यह। घटना असम के बजाली जिले के भवानीपुर आंचलिक कॉलेज स्थित एक परीक्षा केंद्र में घटी है। मीडिया सूत्रों के अनुसार जब हिंदू छात्र परीक्षा देने के लिए परीक्षा कक्षा में प्रवेश करने लगा तब उसे कहा गया कि तुम्हें अपना जनेऊ उतार देना पड़ेगा। इसके बाद विवश होकर छात्र ने अपना जनेऊ उतार कर अपनी मां को पकड़ा दिया।
इस दुखद घटना के बारे में पीड़ित छात्र की पीड़ित मां का कहना है कि धर्म के इस घोर अपमान के बारे में बात करने के लिए मुझे उच्च अधिकारी को सूचित करने के लिए कॉलेज में घुसने की अनुमति भी नहीं दी गई। पीड़ित मां के अनुसार उसके बेटे विशिष्ट को भवानीपुर अंचलिक कॉलेज के गेट पर रोक कर उसका पहचान पत्र जांचा गया। इसके बाद भी उसे अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। पीड़ित मां के अनुसार तब वशिष्ठ ने फोन पर उसे बताया कि कॉलेज के अधिकारी ने उसे अपना जनेऊ उतारने के लिए कहा है।
इसके बाद पीड़ित मां कॉलेज पहुंची तब वशिष्ठ ने अपना जनेऊ उतार कर अपनी मां को पकड़ा दिया। इसके बाद वशिष्ठ को परीक्षा केंद्र में जाने की अनुमति दी गई। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद हिंदू संगठनों सहित ब्राह्मण संगठनों में भी रोष फैल गया। पता चला है कि हिंदू संगठनों और ब्राह्मण संगठन ने निर्णय लिया है की धर्म के इस अपमान के विरोध में अब कॉलेज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अपने बेटे का जनेऊ उतरवाये जाने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित मां का कहना है की धर्म के इस पवित्र चिन्ह के बिना मेरा बेटा खा नहीं सकता, बोल नहीं सकता और अपनी आस्था का अभ्यास भी नहीं कर सकता है। हम ब्राह्मण हैं और जनेऊ हमारी मुख्य पहचान है। पीड़ित मां के अनुसार कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि जनेऊ के साथ एक धातु की वस्तु पाई गई थी जो कि सरासर गलत है।
उधर दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन ने किसी हिंदू लड़के का जनेऊ उतरवाने की बात का खंडन किया है। कॉलेज के प्रिंसिपल मानस कुमार चक्रवर्ती ने कहा है कि कॉलेज के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। मानस कुमार के अनुसार वशिष्ठ को केवल जनेऊ में बंधी हुई धातु की अंगूठी हटाने के लिए कहा गया था ना की जनेऊ उतारने के लिए। किंतु वशिष्ठ ने अपना जनेऊ ही उतार दिया।
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एक घटना ये भी, लिंक टच करें।
कॉलेज के प्रिंसिपल मानस चक्रवर्ती का कहना है कि हम NTA के निर्देशों का पालन कर रहे थे। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था की परीक्षा हॉल के अंदर किसी भी धातु की अनुमति नहीं है। निर्देशों के अनुसार हमने छात्र से अपने जनेऊ से अंगूठी निकालने को कहा था लेकिन उसने जनेऊ निकालकर अपनी मां को पकड़ा दिया।