“The mosquito sucked the blood, if killed then freedom is freedom, for how long”????
कभी कभी सोशल मीडिया से बहुत जबरदस्त प्रेरणा वाली बातें मिल जाती हैं।
सनातन🚩समाचार🌎
में शान्ति से बैठा अपना इंटरनेट चला रहा था
तभी कुछ मच्छर आये और मेरा खून चूसने लगे.. स्वभाविक प्रतिक्रिया मे मेरा हाथ उठ गया
दो-चार मच्छर भी ढेर हो गये .. फिर क्या .
बचे हुये मच्छरो ने शौर मचाना शुरु कर दिया बोले .. में असहिष्णु हो गया हुं
मैने पुछा इसमे असहिष्णुता की क्या बात है
😔😔
वो कहने लगे खून चूसना हमारी आजादी है
🤔🤔
बस फिर क्या था ” आजादी ” शब्द सुनते ही बहुत से बुद्विजीवी उनके समर्थन मे आ गये और नारे बाजी शुरु हो गई
😉😉
तुम कितने मच्छर मारोगे
हर घर नाली से मच्छर निकलेगा
😔
बुद्विजिवियो ने तपते लेखो के साथ बडे बडे लेख लिखना शुरु कर दिया l
😔
उनका कहना था कि- मच्छर देह पर तो बैठा था पर खून चुस रहा था… ये कहां साबित हुआ l
और अगर चुस भी रहे थे तो ये गलत हो सकता है पर ये देशद्रोह की श्रेणी मे नही आता..उनको मारना गलत है
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क्योंकि ये मच्छर बहुत ही गतिशील रहे है किसी की भी देह पर बैठ जाना इनका ” सरोकार ” है
😑😑
👉🏽 मैने कहा कुछ भी हो पर में इन्हे अपना खून नही चूसने दूंगा ..
😔😔
तो वो कहने लगे.. ये ” एक्सट्रीम देहप्रेम ” है तुम कट्टरपंथी हो
डिबेट से भाग रहे हो
मैने कहा तुम्हारा ” उदारवाद ” तुम्हे मेरा खून चूसने की अनुमति नही देता
😔😔
इस पर उनका तर्क था की थोडा सा खून चुस लेने से तुम्हारी जान तो नही जाती ना…
तुमने तो उन मासूम की जान ही लेली
😶😶
https://www.facebook.com/share/r/uQYaHnjBRQMjba4a/?mibextid=oFDknk
इतने मे कुछ राजनेता भी आ गये वो उन ” मच्छरो ” को अपने बगीचे की ” बहार ” का बेटा बताने लगे
😔
मैने बोला.. मच्छर के काटने से मलेरिया होता है और तुरंत ना सही पर बाद मे बिमार और कमजोर होकर व्यक्ति की मौत हो जाती है
🙂🙂
इस पर वो कहने लगे कि- तुम्हारे पास कोई ” तर्क ” नही है इसलिए तुम ” भविष्य की कल्पनाओं ” के आधार पर अपने ” फासीवादी ” फैसले को सही टहरा रहे हो
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मैने कहा कि ये ” साइंटिफिक ” तथ्य है की मच्छर के काटने से मलेरिया होता है
मुझे इससे पहले भी अतीत मे ये सब झेलना पडा है
साइंटिफिक शब्द उनको समझ नही आया
😔😔
इसके जवाब मे वो कहने लगे कि – में इतिहास को मच्छर समाज के प्रति अपनी घृणा का बहाना बना रहा हुं… जबकि मुझे वर्तमान मे जीना चाहिए
😢😢
इतने हंगामे के बाद बुद्धिजीवियों ने मेरे खिलाफ ही माहौल बिगाड़ने का आरोप मढ़ दिया
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इसके बाद बचे हुये सारे मच्छर मेरे कान मे भिन्नाने लगे
” हम लेके रहेंगे आजादी ”
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ये सुनते ही मुझे गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित
” श्री रामचरितमानस ” की एक चौपाई याद आ गई
😘♥️
🙏सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीती ll
ll सहज कृपन सन सुन्दर नीती🙏
भावार्थ-
भगवान राम लक्ष्मण से कहते है कि- हे लक्ष्मण किसी अज्ञानी मूर्ख लालसा से घिरे हुये व्यक्ति से कदापि बहस नही करनी चाहिए .. अगर वार्तालाप के सारे द्वार बन्द हो जाये तो अंत मे युद्व करना ही सर्वश्रेष्ट है
😂😄
.. और फिर मैने ” काला हिट स्प्रे ” उठाया और घर से बाहर तक नाली से बगीचे तक उनके सब सीक्रेट ठिकानो पर दे मारा
😂😂
एक बार तेजी से भिन्न-भिन्न हुई फिर सब शान्त…
उसके बाद👇
ना कोई बहस
ना कोई विवाद
ना कोई आजादी
ना कोई बर्बादी
न कोई क्रांती
ना कोई सरोकार
🙏 अब शान्ति है यही दुनिया की रीत है 🙏