“When a famous poet, hiding his real identity, spewed poison for Lord Shri Ram Mata Sita Ji on social media, the Supreme Court gave this decision.”
असल पहचान छिपा कर लव जिहाद करने के किस्से तो अब सरेआम हैं किंतु अब नकली आईडी से देवी देवताओं का अपमान भी।
सनातन🚩समाचार🌎 अपनी असल पहचान छुपा कर हिंदू लड़कियों के साथ लव जिहाद करने के मामले तो सामने आते ही रहते हैं किंतु अब असल पहचान छिपा कर सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर हिंदू देवी देवताओं के अपमान का मामला भी कानूनी रूप से सामने आ गया है। हालांकि ऐसी घटनाओं की भी सोशल मीडिया पर भरमार है।
इस मामले में असम के प्रसिद्ध कवि रकीबुद्दीन अहमद ने फेसबुक पर अपनी असल पहचान छुपा कर नीलाभ सौरभ के नाम से फेक आईडी बनाई हुई थी। जिस पर उसने हिंदुओं के आराध्य भगवान श्री राम और सीता माता जी का अपमान करने वाली एक कविता पोस्ट की थी। तब इस मामले में उसके खिलाफ FIR दर्ज करवा दी गई थी।
इसके बाद से वह गिरफ्तारी के डर से फरार हो गया था और 22 फरवरी को रकिबुद्दीन ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर कर दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने नकार दिया था और उसे पुलिस के सामने सरेंडर करने की सलाह दी थी। बता दें की रिकीबुद्दीन अहमद के खिलाफ दो समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी।
रकीब की याचिका पर टिप्पणी करते हुए गुवाहाटी हाई कोर्ट ने कहा था कि रकीब ने अपनी पहचान बदलकर जो काम किया है वह बेहद गंभीर है। ऐसे में उसे पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने इस मामले में गवाहों को प्रभावित करने की आशंका भी जताई थी। हाई कोर्ट की इस जजमेंट के बाद रकीब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के फैसले को बदलते हुए अहमद को जमानत दे दी क्योंकि उसने माफी मांग ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह जांच में सहयोग करेगा इसलिए उसे गिरफ्तार न किया जाए। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में रकीबुद्दीन अहमद को बचाने के लिए अदालत में चार वकील पेश हुए जिनमें से तीन वकील हिंदू थे। इस मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू देवी देवताओं के अपमान के आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उसे बड़ी राहत दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रकीबुद्दीन को पुलिस जांच में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि पुलिस उसे पूछताछ पूरी होने तक गिरफ्तार नहीं करेगी। बता दें की रकीबुद्दीन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आरोपी एक प्रसिद्ध कवि है और उसे साहित्य अकादमी सम्मान भी दिया जा चुका है, तथा उसने इस मामले में पहले ही माफी मांग ली है।