“four victims of gang separated from head body took Sanyas initiation in Shivshakti Dham Dasna and now………”
धर्म की रक्षा के लिये अपने प्राण देना ही सन्यासी का सबसे पहला कर्तव्य- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी।
सनातन 🚩समाचार🌎 एक तरफ जहां सारे देश में सर तन से जुदा करने की मानसिकता बहुत तेजी से अपने पैर पसार रही है, तो वहीं दूसरी और कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका कहना है कि यह सर तन से जुदा करने वाले लोगों का एक गैंग है, जिसे हम अवश्य ही खत्म कर देंगे।
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पढ़ते हैं डासना शक्ति पीठ के महंत और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यती नरसिंहानंद गिरी जी की। सर तन से जुदा करने वाले लोगों की तरफ से इनका सर तन से जुदा करने का बहुत भारी इनाम रखा गया है। अब इन्हीं महामंडलेश्वर ने चार और नए व्यक्तियों को सन्यास दीक्षा दी है। जिनके बारे में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का कहना है कि हम सभी और अब यह नए दीक्षित हुए धर्मयोद्धा मिलकर सर तन से जुदा करने वालों के खिलाफ बहुत तेजी से कार्य करेंगे।
सन्यासी बनने से पूर्व अपना पिंड दान करते हुए
इस बारे में डासना शक्ति पीठ के महंत यति जी ने बताया है कि नए बने सन्यासियों के नाम हैं डॉ अरविंद वत्स अकेला, स्वर्गीय कमलेश तिवारी जी के मित्र सरोज नाथ, श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार पण्डित राजेशमणि त्रिपाठी और झारखंड पुलिस के सेवानिवृत्त निरीक्षक रणविजय सिंह। इन्होंने आज शिवशक्ति धाम डासना में अपना पिंडदान करके सन्यास की दीक्षा ग्रहण की है। आपको शायद याद होगा कि इनमें से गाजियाबाद के डॉ अरविंद वत्स अकेला, वही व्यक्ति हैं जिसकी खबर हम आपको पहले ही बता चुके हैं।
डॉ अरविंद वत्स अकेले नहीं हैं
बता दें की इसी डॉक्टर अकेला को लगभग एक महीना पहले सर तन से जुदा करने की धमकी दी गई थी। इस दीक्षा आयोजन के बारे में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने आगे बताया है की अब डॉ अरविंद वत्स’अकेला’ अकेले नहीं हैं बल्कि यति निर्भयानंद के रूप में सदैव माँ और महादेव का आशीर्वाद उनके साथ रहेगा। सन्यासी का पहला कर्तव्य ही धर्म की रक्षा के लिये अपने प्राणों का बलिदान करना है। योगी सरोजनाथ जी व पण्डित राजेशमणि त्रिपाठी जी ने सनातन धर्म की सेवा और रक्षा के लिये बहुत कष्ट सहन किये हैं।
धर्म का मार्ग बहुत दुष्कर होता है, परन्तु परमात्मा उसी पर प्रसन्न होते हैं जो धर्म की रक्षा के लिये प्राण दे देता है।आज शिवशक्ति धाम डासना के दीक्षित सन्यासी सम्पूर्ण भारतवर्ष में धर्म रक्षा की अलख जगा रहे हैं। इन चारों धर्मयोद्धाओं के सन्यास लेने से धर्म रक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा और अवश्य ही जिहादियों के विनाश का पथ सुनिश्चित होगा।