किसी के धर्म मे केवल एक ही शादी होनी चाहिए और किन्हीं के मजहब में बाप और बेटे एक साथ शादी भी कर सकते हैं।

बहरहाल आस्था अपनी अपनी और मजहब अपना अपना और कोई अकीदा तब ही सही माना जाता है जब मौलवी साहब खुद मुबारबकबाद देने आ जाएं तथा आये सभी मेहमानों को अधिक शादियां करने की प्रेरणा दें।

https://youtu.be/jwI_bOGT5ok

By Ashwani Hindu

अशवनी हिन्दू (शर्मा) मुख्य सेवादार "सनातन धर्म रक्षा मंच" एवं ब्यूरो चीफ "सनातन समाचार"। जीवन का लक्ष्य: केवल और केवल सनातन/हिंदुत्व के लिए हर तरह से प्रयास करना और हिंदुत्व को समर्पित योद्धाओं को अपने अभियान से जोड़ना या उनसे जुड़ जाना🙏

One thought on “वालिद साहब भी दूल्हा बनके बैठे हैं और इनके दोनों बेटे भी दूल्हा बनके बैठे हैं ☺️☺️”

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