“Yogi Baba will resume the survey of disputed structure in Varanasi, videography, Hindu faith – “There is Shringar Gauri.”
ताला टूटने वाला है क्या वाकई में सच निकलने वाला है ?
सनातन🚩समाचार🌎पिछले कई दिनों से वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा सुर्खियों में छाया हुआ है। इसके बारे में हिंदू पक्ष आरंभ से ही कहता आ रहा है कि यहां पर एक हिंदू मंदिर है, और इसके बारे में तर्क दिया जाता है कि इस मस्जिद के सामने एक नंदी जी विराजमान हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार नंदी का मुख हमेशा भगवान भोलेनाथ की ओर ही रहता है, अतः इस से प्रमाणित होता है कि यह विवादित ढांचा वास्तव में मंदिर था। जिसका विध्वंस करके उसके ऊपर मस्जिद बना दी गई है। वहीं दूसरी ओर इसके बाद ढांचे को मस्जिद बताने वाले लोग हिंदुओं के सभी दावों को पूरी तरह नकारते हैं।
मुस्लिम समाज द्वारा लगातार विरोध
हालांकि यह प्रत्यक्ष है की विवादित ढांचे की एक दीवार मंदिर की दीवार के ऊपर बनी हुई है क्योंकि प्राचीन मंदिर की दीवार पर हुई नक्काशी उस पर आज भी ज्यों की त्यों दिख रही है। इस बारे में चल रही कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत अदालत के आदेश इस विवादित ढांचे का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी भी होनी है। परंतु मुस्लिम समाज के द्वारा इसका लगातार विरोध किया गया है। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से अदालत में कुछ आपत्तियां भी जताई गई थी जिनको अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया है। उसके बाद अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि इस सारे विवादित परिसर का सर्वे करवाया जाए वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जाए।
विवादित ढांचे के चारों तरफ
अब आज शनिवार 14 मई 2022 को आज फिर से सर्वे और वीडियोग्राफी का काम शुरू हो गया है। पिछली बार के हालातों को देखते हुए और साथ ही अदालत के सख्त रुख को देखते हुए आज यहां पर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। आज इस विवादित परिसर के 500 मीटर दूर से ही लोगों का प्रवेश इस और बंद कर दिया गया है। साथ ही इलाका की दुकानें भी बंद करवा दी गई है। इस विवादित ढांचे के चारों तरफ भारी पुलिस बल तैनात है जो कि प्रत्येक तरह से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार दिख रहे हैं तथा बहुत सारे सुरक्षाकर्मियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट भी पहने हुए हैं। आज हो रहे इस सर्वेक्षण में कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा के साथ विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह और सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह भी उपस्थित हैं।
अंडरग्राउंड सेल में प्रवेश करेंगे
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित यात्रा की तैयारियों को देखने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी आज वाराणसी में ही हैं। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले की याचिका कर्ता राखी सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया है कि आज हम अंडरग्राउंड सेल में प्रवेश करेंगे और वीडियो ग्राफी करेंगे। सारे हालात के बारे में काशी जोन के डी सी पी RS गौतम ने बताया है कि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो इसके लिए पक्के इंतजाम किए गए हैं ताकि दर्शन के लिए आने वाले लोग शांति से दर्शन कर सकें। ज्ञानवापी / विवादित ढांचे का सर्वे आज सुबह 8:00 बजे शुरू हुआ है।
ताले को तोड़ दिया जाएगा
शुक्रवार 13 मई 2022 को प्रशासन ने मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इंटर जामिया मस्जिद कमेटी के लोगों से बैठक करके उनसे तहखाने की चाबी मांगी थी कमेटी के प्रतिनिधियों ने कहा था कि बेहतर खाना खोलकर सर्वे करने में कमीशन की मदद करेंगे। इस बारे मे प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि चाबी नहीं दी गई तो अदालत के आदेश का पालन करते हुए ताले को तोड़ दिया जाएगा। पवित्र नगरी काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर में बने विवादित ढांचा का विवाद 1931 से जारी है। इस बारे में मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चला था और यथास्थिति बनाए रखने की अपील की गई थी लेकिन अदालत ने इससे इंकार कर दिया था।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीके वाराणसी में होने के बारे में भी काफी अटकलें लगाई जा रही हैं और ऐसा माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ जी के शहर में होने के कारण अदालत के आदेशों का स्थानीय प्रशासन अवश्य ही पालन करेगा शुक्रवार को योगी बाबा जी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर पूजा अर्चना भी की थी।
बहरहाल वाराणसी में इस विवादित ढांचे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी होने और इस मामले में कानूनी फैसला आने के बारे में सारा हिंदू समाज बहुत संतोष की स्थिति में है। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है की बहुत वर्षों बाद अब फिर से हम अपने ज्ञानवापी मंदिर में जा पाएंगे और श्रृंगार गौरी जी के दर्शन करके उनकी पूजा-अर्चना भी कर पाएंगे। अब आगे देखना होगा कि क्या वाकई में हिंदुओं का यह सपना साकार होगा ?