“Phadta Firun, Sex, Bholenath, Badshah, Gross insult to religion, Big Mathadhish silent.”
क्या कारण है ? जो हर कोई हिंदुओं के मुंह पर थूक के निकल जाता है।
सनातन 🚩समाचार🌎 नाम रैपर बादशाह किंतु करता है सनातन धर्म का अपमान। इस भारतीय रैपर ने अपनी नई एलबम ‘सनक’ के गाने में समाज में गंदगी तो फैलाई ही है साथ ही इसने है इस गाने में अश्लील शब्दों के साथ हिंदू अराध्य भगवान भोलेनाथ जी का नाम भी जोड़ दिया है। ज्यों ज्यों इस गंदे गाने का स्नातनियों को पता चल रहा त्यों त्यों भक्तों में अक्तोश बढ़ रहा है। यहां बहुत दुखद बात ये है की बड़े-बड़े मठाधीश सब कुछ जानते हुए भी इस बारे में चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं।
एक तरफ जहां कुछ लोग इसके गाने को शेयर कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग इस गाने के विरोध में उतर आए हैं। इस गाने पर आक्रोशित महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पुजारी महेश जी ने कहा है कि हिंदू सनातन में छूट का दुरुपयोग हो रहा है। साधु-संत, कथावाचक सभी ऐसी चीजों पर मौन हैं। फिल्म स्टार हो या गायक उन्हें भगवान के नाम पर अश्लीलता फैलाना का कोई अधिकार नहीं है।
लिंक नहीं दिया ताकि वीडियो चलने से उसकी TRP ना बड़े।
उन्होंने कहा है की देशभर में एक साथ उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह तो हर कोई सनातन धर्म को गलत ढंग से पेश करता रहेगा, हम इसका विरोध करते हैं। महाकाल सेना और पुजारी महासंघ और कुछ हिंदू संगठनों ने इस गाने में से भगवान भोलेनाथ जी का नाम तुरंत हटाने को कहा है। अखंड हिंदू सेना के संस्थापक एवं महामंडलेश्वर आचार्य शेखर जी ने इस गाने पर आपत्ति जताते हुए कहा की कोई भी गाना बनाओ हमें कोई आपत्ति नहीं है, किंतु हमारे देवी-देवताओं का नाम सम्मान से ही लिया जाना चाहिए।
यदि उनके नाम और सम्मान के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ किया जाता है, तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उधर परमहंस अवधेशपुरी जी महाराज ने भी इस इस गाने में आपत्तिजनक शब्दों के साथ भगवान भोलेनाथ के शब्द का प्रयोग किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारी सहित कई सनातनियों ने आपत्ति जताते हुए कहा है की इस गाने में से भगवान भोलेनाथ जी का नाम हटा कर बादशाह नाम के इस गायक को माफी माँगनी चाहिए इसके साथ ही उन्होंने उज्जैन सहित अन्य शहरों में FIR करवाने की चेतावनी भी दी है।
यहां बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि आखिर क्या कारण है जो बड़े-बड़े मठाधीश धर्म के इस तरह से हो रहे अपमान पर चुप्पी साध लेते हैं। अगर वह धर्म के हो रहे ऐसे अपमानो को रोकने में सक्षम नहीं है तो वह मठाधीश अथवा धर्मगुरु किस काम के हैं ?