शिरोमणि गुरद्वारा प्रबन्धक कमेटी की टीमें गांव गांव जा कर सिख पंथ का प्रचार करेंगी 🙏
पंजाब: बीते कई वर्षों से पंजाब में बहुत तेजी से लोग धर्म परिवर्तन करके स्थाई बनते जा रहे हैं जिस कारण आखिर चिंतित हुई सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि उनके द्वारा बनाई गई समितियां अब गांव-गांव में जाकर सिख धर्म के प्रचार और प्रसार का कार्य करेंगी। यह बात अब किसी से छिपी नहीं है की गुरुओं की धरती पंजाब में बहुत पहले से धर्म परिवर्तन का कार्य चल रहा है, जिसके चलते हिंदू तो पंजाब में लगभग अल्पसंख्यक हो ही चुके हैं इसके साथ ही बहुत बड़ी संख्या में सिख भी धर्म परिवर्तन करके ईसाई बन चुके हैं।
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पंथक कमेटी
इस हो रहे धर्म परिवर्तन के कारण पंजाब में गांवों के गांव अपना मूल धर्म त्याग कर ईसाई बन चुके हैं, और पंजाब के गुरदासपुर बटाला सहित सारे सीमावर्ती इलाके में अब बहु संख्या ईसाइयों की हो चुकी है। इस बारे में चिंता करने वाले लोग अक्सर हमेशा सोशल मीडिया पर चर्चाएं भी करते रहे हैं, और सोशल मीडिया के द्वारा ही अक्सर लोग पंजाब के सभी गुरुद्वारों का संचालन करने वाली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से यह भी कहते रहते हैं की अब पंथक कमेटी को आगे आकर सिखों के इस हो रहे धर्म परिवर्तन को रोकने का प्रयास अवश्य करना चाहिए।
बहरहाल अब इस बारे में एसजीपीसी भी गंभीर हो गई है। तथा पंजाब में मिशनरियों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे धर्मपरिवर्तन ने सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की चिंता बढ़ा दी है। हालात यह हैं कि एसजीपीसी ने तत्काल एक बड़ा और सराहनीय फैसला लेते हुए इस हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए 150 समितियां भी बना दी गयी हैं। ये समितियां अब गांव-गांव जाकर लोगों को सिख पंथ से जोड़ने का प्रयास करेंगे। शिरोमणि कमेटी के द्वारा गांव स्तर पर धर्म प्रचार समितियों को भेजना आरंभ भी कर दिया गया है।
सिख इतिहास
इन समितियों को गांवों में जाकर सिख धर्म का प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि बढ़ रहे धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाई जा सके। एसजीपीसी के पदाधिकारियों ने लोगों से भी अपील की है कि वह अपने-अपने ग्रामों में समितियां बनाएं तथा पंथक शिक्षा का प्रचार करें। युवाओं को गुरु घरों के साथ जोड़ें और अपने बच्चों को सिख इतिहास की जानकारी दें। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव भगवंत सिंह सियाल का ने कहा है कि एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के आदेशों पर समितियों ने अलग-अलग गांवों में सिख धर्म का प्रचार करना आरंभ कर दिया है।
इन समितियों में 11 अथवा उससे अधिक सदस्य हैं। इन समितियों में एसजीपीसी के प्रचारक, कर्मचारी, सदस्य और क्षेत्र के स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जा रहा है, जो घर-घर जाकर सिखी का प्रचार करेंगे तथा इसके साथ ही धर्मांतरण कर दूसरे धर्म मे जा चुके लोगों को पुनः अपने धर्म में वापस लाने के लिए भी काम शुरू किया जा चुका है। अब धर्मपरिवर्तन कर चुके लोगों को पुनः पंथ में वापसी करवाने के लिए उन्हें अमृत छकाया जाएगा। इस बारे में सियालका ने आगे बताया कि इन समितियों के सदस्य सिख इतिहास से संबंधित साहित्य भी घर-घर में पहुंचाएंगे।
धर्मपरिवर्तन
सियालका ने आगे आगे बताया कि गठित की गई समितियां 1 सप्ताह तक भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में प्रचार करने के बाद सप्ताह के अंतिम दिन अमृत संचार का कार्यक्रम भी करवाया करेंगी। पंजाब में बहुत बड़े स्तर पर हो चुके धर्मपरिवर्तन के बाद अब SGPC द्वारा उठाये गए इस कदम के बारे में यही कहा जा सकता है कि बहुत देर आये दरुस्त आये ??? क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में सिख ईसाई बन चुके हैं। बतादें की पंजाब में ही एशिया की बहुत बड़ी चर्च भी अब बनकर तैयार होने ही वाली है।
Punjab: Late come, come right now because it is probably too late, SGPC took this step