“Occupying God’s land in Dharmanagari, throwing away the saffron flag, saints and villagers got angry.”
पैसा पैसा और पैसा – पैसों की हवस में भगवान जी की भूमि पर भी कर लिया कब्जा पापियों ने।
सनातन 🚩समाचार🌎 राजस्थान के चितौड़गढ़ जिले के निम्बाहेडा उपखण्ड क्षेत्र में पड़ते कनेरा गांव में स्थित 100 वर्ष पुराने नरसिंह भगवान जी के प्रचीन मंदिर की काफी बड़े क्षेत्र में फैली भूमि हुआ करती थी जिसे अब भु माफियाओं ने उस जमीन को खुर्द-बुर्द कर तहसीलदार और पटवारी से गठजोड़ करके नरसिंह भगवान जी की भूमि को अपने नाम पर करवा लिया है।
बोर्ड और भगवा ध्वज फेंक दिया
इस बड़े घपले की जानकारी तब लगी जब संत समाज ओर ग्रामीणों सहित पुजारी जी नरसिंह भगवान जी के मंदिर को बनाने के लिए पूजा करने के लिए गए। आरोप है कि इस बीच भूमाफिया सुरेश काबरा अपने साथियों के साथ वहां पहुंच गया और उसने मंदिर की भूमि पर लगे भगवा ध्वज और उस पर लगे बोर्ड को उखाड़ कर जमीन पर पटक कर भगवान और भगवा ध्वज का अपमान किया। उसकी इस हरकत से हिन्दू सघठनों और साधु संतो में रोष है।
यह धर्म ध्वजा है
🚩 भगवा ध्वज भारत का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज है, जो भारतीय संस्कृति का शाश्वत सर्वमान्य प्रतीक है। यही ध्वज सभी मंदिरों, आश्रमों में लगाया जाता है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना का यही ध्वज था। भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथों पर भी यही ध्वज लहराता था। यह धर्म ध्वजा है। ऐसे आदरणीय ध्वज का चितौड़गढ़ जिले के कनेरा घाटा गांव में अपमान किया गया है।
भूमाफियाओं ने अपना कब्जा कर लिया है
वहां मौके पर गांव के कई बुजुर्गों भी मौजूद थे। ग्रामीणों का कहना है कि यहां नरसिंह भगवान जी का मंदिर था, पुरानी बावड़िया थी, पेड़ थे, लेकिन भूमाफियाओं ने अपना कब्जा कर अपने नाम कर लिया है। भगवा ध्वज और बोर्ड फैंकने वाले व्यक्ति का कहना है की दो साल पहले उसने ये भूमि को खरीदी है। लेकिन सवाल यह उठता है की किस प्रकार भगवान की इस भूमि को किसी और के खाते में कैसे चढ़ा दिया गया ?
अपने भगवा ध्वज के हुए अपमान को लेकर हिन्दू संगठनों और साधु संतो में भारी आक्रोश देखने को मिला है। वहीं इस घटना को लेकर आक्रोशित साधु संतों और ग्रामीणों ने सेकडों की संख्या में कनेरा थाने पर जाकर प्रदर्शन किया और आरोपी भूमाफियाओं की गिऱफ्तारी की मांग की है।