“Set fire Shriramcharitmanas”Swami Prasad Maurya – Akhilesh Yadav – 5 arrested
श्री राम मंदिर के असंख्य मतवालों को गोलियों से भून दिए जाने का कोई पछतावा नहीं होने के बावजूद BJP ने अखिलेश यादव के पिता को दिया है पद्मभूषण पुरस्कार। और अब अखिलेश यादव ,,,,,,,,,,,
सनातन 🚩समाचार🌎 हिंदुओं के हिंदुस्तान में दिनोंदिन हिंदुओं के ऊपर शारीरिक मानसिक और धार्मिक अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है। जिसके चलते अब हिंदुओं की बहुत पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस को सरेआम आग लगा दी गई है।
बताने की आवश्यकता नहीं है की इससे पहले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस जी के बारे में बहुत ज्यादा गलत बोला था।
अब उसी का समर्थन करते हुए श्रीरामचरितमानस ग्रंथ को फाड़ कर आग लगा दी गई है। जिसके बारे में पुलिस ने 10 लोगों को नामजद किया है। दर्ज की गई FIR में स्वामी प्रसाद सहित कुछ अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है। यह जघन्य कार्य करने वालों में से अब तक पांच को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
ये भी आजमाएं
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन लोगों को FIR में नामजद किया है उनके नाम है स्वामी प्रसाद, जसपाल सिंह लोधी, महेंद्र प्रताप, देवेंद्र यादव, SS यादव, नरेश सिंह, सलीम और संतोष वर्मा। अपने बयान के बाद इतना कुछ हो जाने के बाद भी रविवार को इस बारे में बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि मैं अपने बयान पर कायम हूं।
इसके साथ ही अब समाजवाद पार्टी के अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। जिसमें योगी आदित्यनाथ जी से अपील की गई है कि वह एक धार्मिक स्थल से जुड़े होने के नाते स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा कही गई चौपाई को एक बार सुना दें। बता दें कि अखिलेश यादव ने लखनऊ के एक मंदिर में अपना विरोध करने वालों को संघ और भाजपा के गुंडे कहकर संबोधित किया है।
यहां सबसे ज्यादा दुखदाई बात यह हैं की राजनीति में अपने विरोधियों को गिराने और हराने के लिए अब नेताओं के द्वारा हिंदू धर्म का अपमान करने वालों को भी उचित ठहराए जाने के प्रयास किए जाने लगे हैं।
यहां यह बताने की आवश्यकता नहीं है की अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने पद्मभूषण से सम्मानित किया है हालांकि हिंदू समाज के लोग आज भी उन कोठारी बंधुओं सहित असंख्य हिंदू वीरो को याद कर के खून के आंसू रो देते हैं, जिन्हें मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते गोलियों से भून दिया गया था और फिर बाद में मुलायम सिंह ने कहा था कि मुझे कोई पछतावा नहीं है।
एक तरफ जहां राजनीतिक खेल खेलते हुए अखिलेश यादव ने पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस को जलाने वालों की अप्रत्यक्ष रुप में हिमायत की है तो वहीं दूसरी ओर हिंदुत्ववादी समझी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी भी अपनी राजनीतिक चाल के चलते अखिलेश के पिता मुलायम सिंह को मरणोपरांत पदम भूषण जैसे श्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित करके अपने आपको धन्य समझ रही है।
हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस को जलाने के खिलाफ सतनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति के द्वारा एफ आई आर दर्ज करवाई गई है। जिसमें उन्होंने कहा है कि 29 जनवरी 2023 को पीजीआई थाना क्षेत्र में आवास विकास ऑफिस के पास देवेंद्र प्रताप यादव, चंद्र कुशवाहा, यशपाल सिंह लोधी, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा सहित सलीम व अन्य कुछ अज्ञात लोगों ने एक भीड़ के आगे श्रीरामचरितमानस को फाड़ कर उसे जला दिया है।
शिकायतकर्ता सतनाम सिंह ने आगे कहा है की मैं उस समय मौके पर मौजूद था। मैंने आरोपियों को रोकने का बहुत प्रयास किया परंतु वे नहीं माने और उन्होंने जानबूझकर देश में दंगे भड़काने की नियत से इस कृत्य को किया है।
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद आईपीसी की धारा 142, 143, 120 B, 295 A, 295, 153 A, 504, 298, 505 (2) और 506 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। बताया गया है कि पुलिस तक सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव और संतोष वर्मा सहित दो अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है, और अब बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।