गूंगे बहरे छात्रों व गरीब हिंदुओं को पैसा, नौकरी और शादी का प्रलोभन देकर मुसलमान बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है और दो गुर्गे यूपी के एटीएस ने दबोच लिए हैं। ISI और अन्य विदेशी फंडिंग से चल रहा था यह गोरखधंधा। यह लोग बड़ी संख्या में हिंदुओं का इस्लाम में धर्मांतरण करवा चुके हैं साथ ही कई लड़कियों को इस्लाम कबूल करवाने के बाद उनके निकाह भी करवा चुके हैं।
मिली सूचनाओं के अनुसार उत्तर प्रदेश दिल्ली सहित और भी कई राज्यों में यह गिरोह बहुत धड़ल्ले से अपना अभियान चला रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस को पिछले काफी समय से यह सूचनाएं प्राप्त हो रही थी कि देश विरोधी और असामाजिक धार्मिक संगठन आई एस आई व विदेशी संस्थाओं के निर्देश और उनसे प्राप्त फंडिंग के बल पर हिंदुओं का इस्लाम में धर्मांतरण कर रहे हैं, साथ ही धर्म बदलने वाले लोगों में उनके मूल हिंदू धर्म के प्रति नफरत, घृणा के भाव भी डालकर उन्हें रेडिकलाइज करके देश की कानून व्यवस्था भंग करने का काम कर रहे हैं।
इन सूचनाओं पर उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम द्वारा गत 20 तारीख को दो व्यक्तियों – जहांगीर और उमर गौतम को गहन पूछताछ के उपरांत गिरफ्तार कर लिया गया। बतादें की उमर गौतम ओहले हिन्दू ही था परन्तु इस्लाम कबूल करने के बाद अब हिंदुओं की ही जड़ें खोद रहा है। यह उत्तर प्रदेश के कई जिलों के कई जिलों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों महिलाओं बच्चों यहां तक कि गूंगे बहरे लोगों को भी इस्लाम में परिवर्तित कर चुका है।
इस बारे में उमर गौतम ने बताया कि अभी तक वह लगभग एक हजार से ज्यादा गैर मुस्लिम लोगों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित करवा चुका है, तथा उसने बड़ी संख्या में हिन्दू लड़कियों का मुसलमानों से निकाह भी करवाया है।
इनके शिकार हिंदुओं में एक कानपुर का मूक बधिर छात्र आदित्य गुप्ता भी है। आदित्य गुप्ता जब धर्मांतरण करने वाले उमर गौतम से मिला तो वह आदित्य से अब्दुल बन गया तथा नमाज भी पढने लगा। इसके बाद 10 मार्च को वह घर से लापता हो गया, उसके बाद उसके परिजनों को इस बता की जानकारी हुई कि उनका बेटा अब आदित्य से अब्दुल बन चुका है. इसके बाद उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया। आदित्य की मां का कहना है उन्होंने अपने बेटे को मूक वधिरों की भाषा की पढ़ाई भी करवाई है, तथा मार्च 2020 में जब लाकडाउन लगा और आदित्य घर पर ही रहने लगा तो वह वाट्सएप वीडियो काल से मूक-बधिर बच्चों से संपर्क करने लगा, कई बार वह रात को चुपके से घर से बाहर बातें करने चला जाता तो उन्हें हैरानी होती। परन्तु जब रमजान का महीना शुरू हुआ तो उनके बेटे ने खाना-पीना छोड़ दिया और सूर्यास्त के बाद खाने लगा तब उनके पैरों के नीचे से जमीन निकल गयी।
इसके बाद उन्होंने आदित्य पर निगाह रखनी शुरू की तो सारा मामला उनके सामने आया, तब उनका बेटा दिन में पांच वक्त नमाज अदा करने लगा। मां ने बताया कि बेटे के पास नोएडा डीफ सोसाइटी का एक मुस्लिम शिक्षक आया था, उसीने उनके बेटे को इस्लाम के बारे में प्रेरित किया था।
इसके बाद 10 मार्च को अपने शैक्षिक दस्तावेज और कुछ कपड़े लेकर उनका बेटा घर से गायब हो गया तथा 20 जून सुबह नौ बजे अचानक अपना सामान लेकर घर आ गया, तब पता चला कि वह केरल में रहा।
हर महिने आदित्य के खाते में विदेश से पैसे आते थे
परिजनों ने बताया कि आदित्य के खाते में हर महीने सात हजार रुपये एक अनजान खाते से आते थे। पुलिस ने जब बैंक रिकार्ड खंगाले तो पता चला कि ये रकम खाड़ी देशों से भेजी जाती है। इससे इस बात पर मुहर लग गई कि पैसों का लालच देकर आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया गया, वह मूक बधिर है, इस कारण उसकी ही भाषा में उसे समझाकर ब्रेन वॉश किया गया।
इस बारे में ADG प्रशांत कुमार लॉ & ऑर्डर ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है तथा जहाँगीर व उमर गौताम के अन्य साथियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर केवल हिंदू ही क्यों इस्लामीको या इसाई मिशनरियों के झांसे में आते हैं अन्य कोई क्यों नहीं ? इस बात पर अब हिंदुओं को गहन चिंतन करने की अति आवश्यकता है।