“It is important for you to know that what happened to the famous cities of Shri Ramayana like Ayodhya, Chitrakoot, Kishkindha later ?”
ऐसा इसलिए ताकि हम भी यहूदियों की तरह खुद पर हुए अत्याचारों को याद रखे ……..
शौर्य की प्रेरणा देने वाले भगवान श्री राम जी के बिना हिंदुत्व का अस्तित्व ही अधूरा है। श्री राम जी हर हिंदू के रोम रोम में रम रही चेतन सत्ता हैं। इसलिए हर हिंदू को श्री राम जी से जुड़े स्थानों के बारे में संपूर्ण जानकारी होनी ही चाहिए।
🔸1. अयोध्या जी :- श्री राम और रघुवंश की राजधानी। सन 1270 में इस पर मुस्लिम आक्रमणकारी बलबन ने आक्रमण किया। बलबन ने अयोध्या के सभी मंदिर नष्ट कर दिये, जिस नगरी में रामराज्य की नींव रखी गयी उसी नगरी के बीच चौराहे पर महिलाओ और बच्चों को बेहद शर्मनाक स्थिति में नीलाम किया गया। फिर बाद में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी द्वारा इन मंदिरों का पुनः निर्माण करवाया गया।
🔸2. गंगा नदी का तट :- यह वो तट था जिसके पास श्री राम जी ने ताड़का वध करके ऋषियों का उद्धार किया था। सन 1760 के समय जब अहमदशाह अब्दाली भारत मे घुस आया और भारत के मजहबीयों ने उसे गंगा नदी तक पहुँचाने में मदद की। तब मराठाओ को शर्मिंदा करने के लिये अब्दाली ने 1 हजार गायों का सिर काटकर इसी गंगा नदी में बहाया।
🔸3. चित्रकूट :- वनवास के समय भगवान श्री राम जी चित्रकूट में रुके थे। जिस पर 1298 में अलाउद्दीन खिलजी ने कब्जा कर लिया। लगभग 5 हजार हिंदू कत्ल कर दिए गए, हजारों स्त्रियों को अलाउद्दीन खिलजी के हरम में भेजा गया और अनेकों मंदिर नष्ट कर दिए गए। 1731 में राणोजी सिंधिया ने पुनः इस नगरी का उद्धार करवाया।
🔸4. नासिक :- वह स्थान जहाँ श्री लक्ष्मण जी ने शूर्पणखा की नाक काटी थी तथा जो श्री राम जी की कर्मभूमि थी। इस पर मुहम्मद बिन तुगलक ने हमला किया, तुलगक ने नासिक में स्थित प्रभु श्री राम जी द्वारा बनाये गए शिवालय में आग लगा दी और 12 दिनों तक भीषण नर संहार किया। नासिक वासियों से कहा गया की या तो वे इस्लाम काबुल कर लें या मरने को तैयार हो जाएं। बाद में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज ने इन मंदिरों को पुनः स्थापित किया।
🔸5. किष्किंधा :- वानरराज महाराज सुग्रीव का राज्य, जो आगे चलकर विजयनगर साम्राज्य कहलाया। 1565 में तालिकोटा के युद्ध मे विजयनगर साम्राज्य की हार हुई और इस्लामप्रतों ने सारा राज्य जला डाला, आप आज भी गूगल में हम्पी सर्च करेंगे तो इसका बहुत बड़ा अवशेष आज भी देखने को मिल जाएगा, जो बताता है कि मुगलों से पहले भारत कितना भव्य था। मगर मजहबी आग ने सबकुछ जलाकर राख कर दिया। बाद में मैसूर के यदुवंशियों ने इसका पुनः उद्धार किया।
इस तरह हमारी रामायणकालीन नगरियां मजहबीयों द्वारा लूटी और बर्बाद की गईं और दोबारा बनाई गई।
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👉 हिंदुओं से निवेदन है कि सरकारी कब्जों वाले मंदिरों में चंदा देने की आवश्यकता नहीं है वहां सिर्फ प्रसाद चढाओ और बाकी व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार को ही करने दो क्योंकि वो चढ़ाया गया धन आपके या आपके धर्म के किसी काम नहीं आता है।
👉 और जो पैसा बचता है वो चंदे के रूप में अपने आस पास के उन हिंदू वीरों को दें जो वास्तव में हिंदुओं के लिए लड़ते हैं, बोलते हैं या लिखते हैं। इसके अलावा आपके पास बचने का और कोई विकल्प नही है।