सनातन संस्कृति बहुत महान है,इस संस्कृति में जहां स्वस्थ्य जीवन जीने के नियम हैं वहीं उस लोक और परलोक में भी सुख पाने के मार्ग बताए गए हैं।
लुधियाना: ताजपुर रोड स्थित प्रसिद्ध इच्छा पूर्ण श्री शनि मंदिर अपनेआप में एक विशिष्ट स्थान रखता है। यहां प्रतिदिन और विशेषतः शनिवार को श्रद्धालु विशेष रूप पहुंचते हैं। इस स्थान की विशेषता ये भी है कि इस स्थान से हमेशा हिंदुत्व रक्षण के कार्य होते रहते हैं। आज ज्येष्ठ अमावस्य के अवसर पर यहां के संचालक एवं धर्मयोद्धा मुकेश खुराना द्वारा विशेष प्रस्तुति ….
🙏🙏पुराणोक्त शनि मन्त्र— ॐ
🌹🌹 ह्मीं निलानज्न समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तंण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।🙏
🌹💥🌹💥🌹💥🌹श्री शनि जयंती के अवसर पर विषेश …….
🌹💥🌹 आज गुरुवार 10 जून 2021 को ज्येष्ठ अमावस्या है ..ज्येष्ठ अमावस्या के दिन श्री शनि जयंती मनाई जाती है।
ज्येष्ठ अमावस्या को श्री शनि देव की विशेष पूजा का विधान है। श्री शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों व स्तोत्रों का जप किया जाता है। शनि ग्रह सनातन हिन्दू वैदिक ज्योतिष में मुख्य ग्रहों में से एक है।
🌹💥🌹शनि अन्य ग्रहों की तुलना मे धीमे चलते हैं इसलिए इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि के जन्म के विषय में काफी कुछ बताया गया है एवं ज्योतिष में शनि के प्रभाव का साफ़ संकेत मिलता है।
शनि ग्रह वायु तत्व और पश्चिम दिशा के स्वामी हैं। शास्त्रों के अनुसार शनि जयंती पर उनकी पूजा-आराधना और अनुष्ठान करने से श्री शनि देव विशिष्ट फल प्रदान करते हैं।
🌹💥🌹💥🌹 श्री शनि देव जन्म कथा 🌹💥🌹💥🌹
🌹💥🌹शनि जन्म के संदर्भ में एक पौराणिक कथा बहुत मान्य है जिसके अनुसार शनि, श्री सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं। सूर्य देव का विवाह संज्ञा से हुआ कुछ समय पश्चात उन्हें तीन संतानो के रूप में मनु, यम और यमुना की प्राप्ति हुई। इस प्रकार कुछ समय तो संज्ञा जी ने श्री सूर्य के साथ निर्वाह किया परंतु संज्ञा जी श्री सूर्य के तेज को अधिक समय तक सहन नहीं कर पाईं उनके लिए श्री सूर्य का तेज सहन कर पाना मुश्किल होता जा रहा था । इसी वजह से संज्ञा जी अपनी छाया को पति श्री सूर्य देव की सेवा में छोड़ कर वहां से चली चली गईं। कुछ समय बाद छाया के गर्भ से श्री शनि देव का जन्म हुआ.
🌹💥🌹💥🌹💥श्री शनि जयंती पूजा 💥🌹💥🌹💥🌹
🌹💥🌹इसके पश्चात पूजा सामग्री सहित श्री शनि देव से संबंधित वस्तुओं का दान करें। इस प्रकार पूजन के बाद दिन भर निराहार रहें व मंत्र का जप करें। शनि की कृपा एवं शांति प्राप्ति हेतु ” काले तिल , उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, आचार, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग करना चाहिए । श्री शनि देव को प्रसन्न करने के लिए श्री हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। शनि के लिए दान में दी जाने वाली वस्तुओं में काले कपडे, जामुन, काली उडद, काले जूते, तिल, लोहा, तेल, आदि वस्तुओं को शनि के निमित्त दान में दे सकते हैं.
🌹💥🌹💥🌹 श्री शनि जयंती का महत्व 🌹💥🌹💥🌹
इस दिन प्रमुख शनि स्थान पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। भारत में स्थित प्रमुख शनि मंदिरों में भक्त शनि देव से संबंधित पूजा पाठ करते हैं । तथा सभी भक्त श्री शनि देव से शनि पीड़ा से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं ।
🌹💥🌹श्री शनि देव को काला या कृष्ण वर्ण का बताया जाता है इसलिए इन्हें काला रंग अधिक प्रिय है।
🌹💥🌹श्री शनि देव काले वस्त्रों में सुशोभित हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री शनि देव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन हुआ है । जन्म के समय से ही श्री शनि देव श्याम वर्ण, लंबे शरीर, बड़ी आंखों वाले और बड़े केशों वाले है। यह न्याय के देवता हैं, योगी, तपस्या में लीन और हमेशा दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं। शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है
🌹💥🌹 वैदिक ज्योतिष के अनुसार सौर मंण्डल मेंं श्री शनि देव को ” दण्डाधिकारी ” न्यायाधीश का स्थान प्राप्त है यह जीवों को सभी अच्छे एवं बुरे कर्मों का फल प्रदान करते हैं।
🚩🌺 शनिदेव को प्रसन्न करने एवं शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिये …
🙏🙏पुराणोक्त शनि मन्त्र— ॐ
🌹🌹 ह्मीं निलानज्न समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तंण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।🙏
🌹🌹 वेदोक्त शनि मन्त्र---
🌺🌺 ॐ शंनो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शंय्यो रभिरस्रवन्तु नः।।
🌹🌹 शनि गायत्री मन्त्र---
🌹🌷🌹ॐ शनैश्चराय विद् महे छायापुत्राय धीमहि तन्नो
मंद:प्रचोदयात:
एवं
🌺🌺 ॐ सूर्यसुताय विद् महे यमरुपाय धीमहि तन्नः
सौरि प्रचोदयात्
🌹🌹 तन्त्रोक्त शनि मन्त्र---
🌹🌷🌹ॐ प्रां प्रीं प्रों स:शनैश्चराय नमः🙏🙏
🌹🌹 लघु तन्त्रोक्त शनि मन्त्र---
🌹🌷🌹ॐ शं शनैश्चराय नमः🙏🙏