कोई दिन ऐसा नहीं जाता जिस दिन कहीं ना कहीं कोई हैवानियत होने की सूचना ना मिलती हो पता नहीं यह लोग क्या सोच कर ऐसे क्रूर कर्म करते हैं ?
यह घटना दिल्ली के एक इलाके की है जहां कमल तंवर नाम एक सामाजिक कार्यकर्ता जब समाज सेवा का कार्य करने निकला तो उसकी नजर एक ऐसे बच्चे पर पड़ी जो कचरे के ढेर में से कचरा बीन रहा था और साथ-साथ भीख भी मांग रहा था, जब कमल तंवर ने उस बच्चे को रोककर उसके बारे में पूछताछ की तो बेहद चौकानेवाले बातें उस बच्चे ने डरते डरते बतायीं। अमन नाम के उस बच्चे ने बताया कि ये काम करने के बदले उसको कभी 100 रुपये कभी 50 रुपये दिए जाते हैं, उसने काम के बारे में बताया कि वह हर रोज कचरे के ढेर से कचरा बीनता है और कभी भीख भी मांगता है जिसके बदले में एक मुल्लाजी उसको सो पचास रुपए दे देता है।
यहां यह बात बहुत पीड़ा देने वाली है कि एक तरफ जहां सारी दुनिया में कोरोनावायरस ने कहर ढाया हुआ है दुनिया अपने घरों में दुबकी बैठी है, और बहुत आवश्यक होने पर ही लोग बाहर निकल रहे हैं और खासकर अपने बच्चों को तो सभी बहुत संभाल संभाल के अपने घरों में ही रख रहे हैं, वही कुछ ऐसे हैवान लोग भी हैं जो इस महामारी के समय मे भी छोटे-छोटे बच्चों से भीख मंगवा रहे हैं और प्रदूषण से भरे कूड़े के ढेरों में से कचरा इकट्ठा करवा रहे हैं ताकि उसे बेचकर वह अच्छी कमाई कर सकें।
राजधानी दिल्ली की यह घटना दिल दहला देने वाली है जिसमें पकड़े गए बच्चे के साथ चल रहे मुल्लाजी से जब उसका नाम पूछा गया तो पहले तो वह आनाकानी करता रहा कोई बात करने की कहता रहा परंतु आखिर में उसने अपना नाम बाबू बताया उसके पास उसका आधार कार्ड भी नहीं था, अब उसका सही नाम बाबू है या कुछ और यह तो वह मुल्लाजी ही बता सकते हैं
बहर हाल यह बहुत सोचने वाली बात है कि आखिर हमारा समाज किस ओर जा रहा है क्यों कुछ खास लोगों में इंसानियत पूरी तरह खत्म हो चुकी है और क्यों इन लोगों के दिलों से रहम पूरी तरह खत्म हो गया है ?