— श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
—- स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।
श्रीमद्भगवद्गीता जी के इस पवित्र श्लोक का तिरस्कार किया, परधर्म अपनाया तो बीच सड़क में चाकू मार मार के मार दिया विधर्मी ने।
राजस्थान के कोटा के दादाबाड़ी इलाके में विवाह के 11 साल बाद इरफान नाम के युवक ने अपनी 27 वर्षीय बीवी की बीच सड़क पर चाकू घोंप कर हत्या कर दी। घटना बुधवार (अगस्त 18, 2021) शाम को घटी है। मृतका की बहन के अनुसार इरफान नामक युवक उसकी बहन अंतिमा शेखावत उर्फ रिजवाना को शादी होने के बाद से निरन्तर प्रताड़ित कर रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 साल पहले विज्ञान नगर निवासी अंतिमा शेखावत ने अपने परिवार से विद्रोह करके, घर से भाग कर इरफान से निकाह किया था। बाद में उसका नाम रिजवाना हो गया। दोनों के तीन बच्चे हुए। लेकिन, कुछ समय बाद इरफान उससे मारपीट करके उसे तंग करने लगा। रोज-रोज झगड़े से तंग आकर 2 माह पहले ही अंतिमा उर्फ रिजवाना ने इरफान से अलग रहने का फैसला किया था और तलाक का केस फाइल करके अब बालाकुण्ड इलाके में किराए पर रह रही थी।
इरफान ने उसके गले और छाती पर चाकू घोंपा।
बुधवार को जब अंतिमा अपनी बहन के घर दादाबाड़ी गई तो वहाँ से अपनी 12 साल की भतीजी को लेकर किसी काम से बाहर निकली। इसी दौरान इरफान स्कूटी से आया और एक किराने की दुकान के सामने उसने चाकू से उस पर ताबड़ तोड़ हमला कर दिया। खून से लथपथ अंतिमा वहीं पर गिर गई। इरफान ने उसके गले और छाती पर चाकू घोंपा। इस घटना में अंतिमा के साथ खड़ी बच्ची के हाथ पर भी चोटें आईं। आनन-फानन में उन्हें पास के अस्पातल ले जाया गया लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अंतिमा की बहन अनीता बताती हैं कि 2 महीने पहले भी इरफान ने उसके सिर पर बल्ले से मारा था, जिसके कारण उसके सिर पर काफी चोटें आईं। इसके अलावा वह उसे बीड़ी सिगरेट से भी जलता था, उसके शरीर पर काफी जलने के निशान थे। अनीता के मुताबिक अंतिमा को इरफान इतनी बुरी तरह पीटता था कि उसके दाँत भी टूट गए थे। इतना ही नहीं दो साल पहले तो इरफान ने अंतिमा को गोवा में 2 लाख रुपए में बेचने की कोशिश भी की थी। लेकिन तब उसने इरफान को माफ कर दिया और उसके ही साथ रहना जारी रखा।
नाबालिग थी इसलिए चंगुल में फँस गई।
मिली जानकारी के अनुसार अंतिमा 10 बहनों में 9वें नंबर पर थीं। 17 साल की उम्र में उसने इरफान से शादी की थी। घटना को लेकर अनीता ने कहा कि उस समय मेरी बहन अंतिमा नाबालिग थी इसलिए चंगुल में फँस गई। उसके बाद जब वह घर से भागी थी तो हम दुखी थे। पर वो आखिर थी तो हमारी बहन ही इसलिए हमने उसे माफ कर दिया था। अनिता के अनुसार हम सभी उसे खर्च चलाने के लिए पैसे भी देते रहते थे। उसने आगे बताया कि इरफान उसकी बहन को हमेशा मरता पीटता था और बहनों से पैसे लाने के लिए दबाव डालता था। इतना जुल्म सहते हुए भी अंतिमा इरफान के साथ ही रहती रही और आखिर जब उसने अलग होने का निर्णय कर लिया तो इरफान ने उसे मार डाला।
बहरहाल पुलिस ने तुरन्त करवाई करते हुए आरोपि इरफान को 19 अगस्त 2021को गिरफ्तार करके अगली अगली प्रक्रिया चालू कर दी है।
ये हिन्दू लड़कियां ही बेवकूफ होती है बाद में इनके साथ यही होता है