हिंदुओं के धर्म गुरु हिंदुओं को नचाने में मस्त हैं और मुसलमानों के धर्मगुरु इस्लाम को फैलाने में व्यस्त हैं।
यह बात बहुत हैरान और परेशान कर देने वाली है, और कई हिंदुओं को यह बात बहुत बुरी भी लग सकती है, परंतु यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश के एटीएस ने जब से हो रहे धर्मांतरण का पर्दाफाश किया है तब से लेकर आज तक निरंतर इसके बहुत बड़े बड़े खुलासे हो रहे हैं, और मौलानाओं द्वारा कई जगहों पर जाकर हिंदुओं को मुसलमान बना देने के प्रमाण भी मिल रहे हैं। यह लोग पूरी तरह सक्रिय हैं। यह फैक्ट्री स्कूल संस्था या संगठन आदि सभी स्थानों पर हर प्रकार से लोगों को इस्लाम में धर्मांतरण करवाने का कार्य कर रहे हैं, और तो और यह लोग जेलों में बंद कैदियों को भी हिंदू से मुसलमान बनाने में सफल रहे हैं।
यहां सवाल यह नहीं है कि यह लोग आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं ? और सफल कैसे हो पा रहे हैं ? बल्कि प्रश्न तो यह है कि जब किसी अन्य धर्म के लोग हिंदुओं को अपने धर्म में परिवर्तित कर सकते हैं तब ऐसे में जो पहले से ही हिंदू हैं, उन अपने हिंदू लोगों को हिंदू ही बनाए रखने में हिंदू धर्म गुरु, कथावाचक या मठाधीश इत्यादि जो भी धर्म कार्य करने वाले लोग हैं, वह अपने हिंदू समाज को आखिर क्यों नहीं बचा पा रहे हैं ? ऐसे कहां कमी रह रही है जिसके कारण हिंदू आसानी से धर्मान्तरित तो होकर कभी ईसाई तो कभी मुसलमान बन रहे हैं। इसे हिंदू धर्म प्रचारको की अकर्मण्यता कहा जाएगा ? या उनकी एक बहुत बड़ी कमी या बहुत बड़ी गलती ?
क्या है मामला ? ? ?
यह घटना उत्तर प्रदेश के मेरठ की जेल की है जहां एक कैदी जब जेल में गया तब हिंदू था परंतु जब बाहर आया तब वह मुसलमान था। यह कैदी जब जेल में गया था तब उसका नाम ताराचंद था लेकिन जब बाहर निकला तो यह ताराचंद से ताहिर हो चुका था। अब उसके मस्तक से तिलक गायब हो चुका था और उसके स्थान पर उस की बढ़ी हुई दाढ़ी थी। बता दें कि ताराचंद पिछले 43 महीनों से जेल में था। मिली जानकारी के अनुसार जेल में बंद ताराचंद को रिहाई के बदले इस्लाम स्वीकार करना था। जेल में ही उस्मान नाम के एक व्यक्ति ने ताराचंद को शीशे में उतारा उसे रिहाई की उम्मीद दिखाई तथा साथ ही उसके लिए उसने जेल में बैठे बैठे पैसों का इंतजाम भी कर दिया, जिससे ताराचंद अपना केस अदालत में लड़ सका और आखिर एक प्रबल योजना के चलते वह ताराचंद की जगह ताहिर बनकर जेल से बाहर आया।
अब इसके बाद जब ताराचंद से ताहिर बना वह व्यक्ति अपने गांव पहुंचा तो उसे पूरी तरह मुस्लिम बना हुआ देखकर उसके गांव के लोग आश्चर्यचकित रह गए और आक्रोशित भी हुए। इसके बाद जब हिंदू संगठनों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने भी इस धर्मांतरण का विरोध किया। गांव के लोगों ने बताया कि ताराचंद जेल में ही हिंदू से मुसलमान बनकर जेल से बाहर आया है, और अब वह गांव के अन्य लोगों को भी धर्मांतरण के लिए वर्गला रहा है ? इसके बाद गांव के लोगों और हिंदू संगठनों ने ताराचंद को उसके मूल धर्म की याद दिलाई जिससे ताराचंद उर्फ ताहिर का मन बदला और उसने अपनी दाढ़ी कटवा ली।
इस बारे में मुंडाली थाना प्रभारी रवि चंद्रवाल ने बताया कि श्याम नाम के एक व्यक्ति ने इस बारे में जो शिकायत की है, उसे अभियोजन अधिकारी के पास जांच के लिए भेज दिया गया है, अगर जांच में ये शिकायत सही पाई गई तो धर्मांतरण के नए कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
अब यहां यह सवाल तो बनता ही है कि आखिर हिंदुओं के धर्म गुरु केवल अपने पास आए लोगों को क्यों नचाते ही रहते हैं ? उन्हें अपने धर्म में स्थिर रहने की कोई सीख क्यों नहीं देते ? क्यों उन्हें नहीं बताते कि उनका सनातन धर्म सर्वश्रेष्ठ है ??